Sunday 1 February 2015

//// ये कैसा नसीब ? किसकी बदनसीबी ?? .... ////


इस देश में लाखों गरीब हैं ....
जो ईमानदार हैं मेहनतकश हैं ....
योग्य हैं कुशल हैं पढ़े लिखे हैं ....
पर फिर भी भूखे पेट सोते हैं ....
इनके नसीब में सेंधमारी हुई है ....
छीना गया है इनका नसीब ....
पर फिर भी ये शिकायत नहीं करते ....
ये बस अपने नसीब पर सिसक लेते हैं ....
खून के आंसू भी जब्त कर लेते हैं ....

और एक है नरेंद्र दामोदरदास मोदी ....
ये हमारे प्रधानमंत्री लगते हैं ....
साथ ही निहायत अहंकारी लगते हैं ....
इनके कंधे पर थी कुछ जवाबदारी ....
गरीब के नसीब को सुधारने की जिम्मेदारी ....
पर ये ५-१० अमीरों के काँधे चढ़ ....
खुद के नसीब पर इतरा रहे हैं ....
और विरोधियों को बदनसीब बता रहे हैं ....
शायद इन्हे नहीं मालूम नसीब का खेल ....
कब बिगड़ जाए खत्म हो जाए खेल  ....

गरीब की हाय में वो आह है श्रीमान ....
सुख ही कब दुःख का कारण बन जाए कोई नहीं जानता ....
नसीब ही बदनसीबी का कब कारण बन जाए कोई नहीं जानता ....
कौन जाने कब और किसके "अच्छे दिन" लद जाएं - कोई नहीं जानता ....

एक अहंकारी को सद्भुद्धि की कामना हेतु अत्यंत दुखी मन से समर्पित ....
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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