Sunday 1 February 2015

//// खोटा कौन ? रिक्शे वाला या रिक्शा चढ़ने वाला या चुटकुला सुनाने वाला ?? ////


मित्रों कल मैंने मेरी ज़िन्दगी का सबसे महंगा और घटिया चुटकुला सुना ....
चुटकुला सुनानेवाले थे - नरेंद्र दामोदरदास मोदी, प्रधानमंत्री, भारत सरकार - जो दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में दिल्ली के कड़कड़डूमा में भाजपा की चुनावी रैली में भाजपा का प्रचार करने आए थे ....
मेरे मत में इस चुनावी रैली मैं लाखों रुपये का खर्च हुआ होगा जो अंततः हमारा आपका ही पैसा है - और इसलिए मेरे पैसे से ही मुझे सुनाया गया चुटकुला मुझे महंगा लगा ....
पकाऊ चुटकुला कुछ इस प्रकार था ....
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एक ऑटोवाले ने बोर्ड लगा रखा था कि ऑटो में बैठना फ्री है। एक व्यक्ति उसके झांसे में आकर बैठ गया लेकिन जब उतरने लगा तो ऑटो वाले ने ये कहकर पैसे मांग लिए कि ऑटो में बैठना फ्री था, उतरना नहीं।
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मेरी विवेचना और निष्कर्ष >>>>
मित्रों सर्वप्रथम आपसे निवेदन है कि कृपया सोचिये कि इस चुटकुले से क्या समझा जाए .....
क्या रिक्शे वाला खोटा था ??
या रिक्शे को मुफ्त समझ उसमें चढ़ने बैठने वाला खोटा था ??
या ये घटिया बचकाना चुटकुला सुनानेवाला स्वयं ही खोटा था ??

मित्रों कुछ लोग कह रहे हैं कि ये चुटकुला अरविन्द केजरीवाल पर मोदी का निशाना था - मोदी ने आम आदमी पार्टी के फ्री में बिजली-पानी के वायदों की चुटकी लेते हुए ये चुटकुला सुनाया था - यानी केजरीवाल की तुलना उस रिक्शा वाले से की गई थी जो लोगों को मुफ्त रिक्शा का बोर्ड लगा बेवकूफ बना रहा था !!!!

पर मित्रों गौर फरमाइयेगा - मेरी चुटकी अनुसार तो ये चुटकुला भाजपा मोदी और भक्तों पर ज्यादा फिट बैठता है .... भाजपा तो ऐसी ही रिक्शा है जो सब लोगों को चिल्ला चिल्ला कर कह रही है - चलो चलो आ जाओ - फ़ोकट की पार्टी है - भानुमति का पिटारा है - आ जाओ मुफ्त में विधायक बनाएंगे सांसद बनाएंगे मुख्यमंत्री बनाएंगे - तुम जो भी हो आ भर जाओ - चोर हो बलात्कारी हो ठग हो बुरे हो बेईमान हो जैसे भी हो आ जाओ यार - कोंग्रेसी हो आपियन हो आंदोलनकारी हो सब चलेगा - आ जाओ .... फ़ोकट में आ जाओ !!!!
और कुछ भक्त टाइप के मुफ्तखोर बेअकल अवसरवादी लोग लालच में भाजपा के रिक्शे पर चढ़ भी लिए हैं ....
और ये भी तय है कि अब आगे उनसे पूरी कीमत मांगी जाएगी वसूली जाएगी झटकी जाएगी - और अंततः अक्षम को लात मारकर उतार दिया जाएगा ....
और मज़े की बात ये है कि उपरोक्त धांधली के जो मास्टरमाइंड हैं वो ही आज ये तथ्य एक चुटकुले के रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत कर लोगों को बेवकूफ बनाने का प्रयास कर रहे हैं - और मुफ्तखोर भक्त तालियां बजा रहे हैं ....

इसलिए मित्रों मेरा निष्कर्ष है कि .... चुटकुला सुनानेवाला ही चुटकुले की पटकथा का अनुभवी है - और वो ही खोटा है .... सावधान !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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