Tuesday 17 February 2015

//// व्यापक व्यापम घोटाला - मध्यप्रदेश - सत्ता के गलियारे ऐसे - जैसे पुराने शहर की मवेशी युक्त गंदी गलियां ....////


व्यापक व्यापम घोटाला मध्यप्रदेश - लोग खाते रहे और खाने देते रहे - २००७ से चल रहा था ये घोटाला - कोई भी इस घोटाले के ना होने की बात नहीं करता - यानी सब ईमानदार और सब भ्रष्ट मानते हैं घोटाला हुआ - पर मुद्दा यही खींचा जा रहा है कि घोटाला किस किस ने किया ....

मित्रों ये घोटाला मानव मूल्यों के हनन के अलावा लाखों करोड़ों रुपयों के भ्रष्टाचार का है ....
और ये लाखों करोड़ों रूपए किसी मजदूर रेड़ी वाले छोटा मोटा व्यवसाय करने वाले या नौकरी पेशा या उद्योगपति के पास तो गए नहीं - ये पैसे तो उन्ही नेताओं दलालों और बेईमानों के पास गए जिनकी रिहाइश या पहुँच सत्ता के गलियारों तक थी और है - और सत्ता के गलियारों में साधारण लोग तो आते जाते भी नहीं हैं बल्कि वहां तो ऐसे बेशर्म नेता ही देखे जाते हैं जो ऐसे बड़े घोटाले हो जाने पर भी अज्ञानी बने रहते हैं - और ये इतने भ्रष्ट होते हैं कि भरपूर खाने के बाद भी डकार बाहर नहीं आने देते - और पकडे जाने पर हमारे पैसे से ही जाँचें बैठा देते हैं - और फिर जांच को भी प्रभावित कर देते हैं - और फिर तमाम जुमले बघारते रहते हैं - मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूँ - मुजरिम सिद्ध हो जाऊं तो सजा तक भुगतने के लिए तैयार हूँ - ना खाऊंगा ना खाने दूंगा - आदि !!!!

मित्रों अब मैं आता हूँ मुद्दे की बात पर - हमारे भाजपा वाले प्रधानमंत्री मोदी जी ने 'आप' पार्टी द्वारा २ करोड़ के कालेधन चंदे प्रकरण में तत्काल उचक उचक कर बहुत कुछ कहा था - " ये कैसे बेईमान लोग हैं रात के अँधेरे में इनके खाते में कोई २ करोड़ रूपए डाल जाता है इन्हे मालूम ही नहीं पड़ता .... कमाल है भाई कमाल है " .... मित्रों याद आ गया ना आपको !!!!

और इसलिए अब मैं भाजपा और उनके प्रधानमंत्री मोदी जी और उनके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का खुल्लेआम उपहास करते हुए कहना चाहता हूँ कि .... २००७ से हो रहे करोड़ों  के इस घोटाले में हज्जारों प्रतिभावान नौजवानों को आघात पहुंचा और कई परिवार उजड़े - और इसमें आरोपित कई हज़ार लोग आज जेलों में बंद हैं या विराजमान हैं - जिनमें सत्ता के गलियारे के अधिकृत रहवासी भी हैं और मुफ्त में कब्जा जमाए लोग भी हैं - छुटभैय्ये भी हैं और बड़े वाले भी हैं - शोषित भी हैं बेचारे भी हैं ..... पर जनाब ऐसे घोटाले के बारे में भाजपा को कुछ मालूम नहीं पड़ा - शिवराज को भी नहीं मालूम पड़ा - और मोदी जी को भी अभी तक कुछ नहीं मालूम पड़ा - कमाल है भाई कमाल है !!!! याद आया ना मित्रों वही वाला कमाल - वही २ करोड़ वाला कमाल - मोदी के कमल वाला कमाल !!!!

सचमुच कमाल है !!!! .... कैसे कैसे लल्लू और भ्रष्ट नेता भरे पड़े हैं इन सत्ता के गलियारों में - ऐसे ही जैसे पुराने शहरों की गलियों में दोनों तरफ गंदी नालियों में मवेशी पसरे पड़े रहते हैं .... गंदगी और कीचड में सने ....
अतः गलियारों की तत्काल सफाई अत्यावश्यक है - मवेशी मुक्त ....
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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