Saturday 31 January 2015

//// प्रधानमंत्री के छाते में दिल्ली के कुकुरमुत्तों को ढकने का प्रयास ....////

मोदी का भाषण सुना ....
भाषण की शैली ठीक ठाक थी ....
दिल्ली के मुद्दे लगभग नदारद थे ....
कोई नई बात ऐसी नहीं थी जो पहले ना कही गयी हो ....
एक बार फिर लगा कि रैली पर खर्च बहुत किया ही गया होगा ....
हेलीकाप्टर से एंट्री पर भक्तों ने ताली बजाई पर वहां उपस्थित थोड़ी सी जनता खामोश थी ....
पूरा भाषण सारहीन मुद्दारहित था .... दिल्ली में १ वर्ष तक चुनाव ना होने के स्वयं गुनहगार होते हुए भी दोषारोपण दूसरों पर करना शर्मनाक लगा .... और प्रधानमंत्री होते हुए इस आशय की बातें करना कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों जगह भाजपा होने के क्या मायने होंगे .... तथा मुफ्त ऑटोरिक्शा वाला पुराना बचकाना चुटकुला .... तथा दूसरों के लिए धोखा, झूठा, या पीठ में छुरा भोंकने जैसे शब्दों का प्रयोग आदि स्तरहीन अनैतिक और घटिया लगा ....
पर हाँ कुछ बातें अच्छी भी लगीं - उन्होंने कहा कि झूठ एक बार चलता है बार-बार नहीं - शायद ये उनकी स्वीकारोक्ति थी .... और इस बार उन्होंने केजरीवाल को सीधे सीधे गाली देने की हिमाकत नहीं करी !!!!    
और कुल मिलाकर सबसे महत्वपूर्ण बात ....
मोदी जी का भाषण प्रधानमंत्री के छाते में दिल्ली के कुकुरमुत्तों को ढकने का प्रयास दिखा !!!! हास्यास्पद प्रयास !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

No comments:

Post a Comment