पाकिस्तान बनाम भारत ....
हु तुतुतू - हूँ तूतूतु - हु तुतुतू - हूँ तूतूतु ....
और एक बार फिर - फ़िज़ा में "कूटनीतिक कबड्डी" का माहौल दिखा ....
या सही मायनों में कहूँ तो देश ने देखा - " कूटने की नीति कब अड़ी " ....
अंततः विदेश मामलों की जवाबदार मानवीयता की पक्षधर सुषमा स्वराज ने भी पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में कड़ा जवाब दे ही दिया - और पाकिस्तान डर के भाग गया .... यानि सब अड़ाअड़ी में अड़ ही गया ....
पाकिस्तान की पोल खुल गई - फिर सिद्ध हो गया पाक आतंकी देश है - अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आता - विश्वास योग्य नहीं - लातों के भूत बातों से नहीं मानते - हम दादी नानी याद दिला देंगे - मसल देंगे - कुचल देंगे - धोखेबाज़ ....
पर लगता है मोदी सरकार की जुमला सरकार की पाक नीति भी एक जुमले जैसी ही है ....
ना झुकेंगे ना झुकाएँगे .... अड़े खड़े टर्राएंगे !!!!
मित्रो आज़ादी को और पाक समस्या को भी अब ६० साल से ज्यादा हो गए - और अब तो मैं भी ६० साल से ज्यादा हो गया .... और मुझे लगता है कि हमारी कूटनीति इंदिरा गांधी की "कूटने" वाली नीति होनी चाहिए ....
झुकेंगे नहीं झुका देंगे .... खड़े खड़े टरका देंगे !!!!
या फिर मनमोहन सिंह की सौम्य चुप्पी ही बेहतर लगती है .... पर अब टर्राना अच्छा नहीं लगता !!!!
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