Thursday 6 August 2015

//// वो पाकिस्तानी है .... नहीं है .... है .... चल बे .... तू चल बे ....////


पाकिस्तान ने मना करना था मना कर दिया .... कल पकड़ा गया आतंकी जिसका नाम नावेद है या हाल फिलहाल 'नावेद' मुक़र्रर हुआ है उसे पाकिस्तान ने पाकिस्तानी नागरिक मानने से इंकार कर दिया है ....

अब क्या करोगे ?? ....

हो सकता है वो प्यार से सच बोल दे कि वो पाकिस्तानी है जिसे आप रिकॉर्ड कर सार्वजनिक कर दो ....
या हो सकता है उसे मार-मार कर सच उगलवा रिकॉर्ड कर सार्वजनिक कर दो ....
पर फिर भी तो पाकिस्तान यही कह सकता है और यही कहेगा कि आप उस से कुछ भी बुलवा सकते हो .... बुलवा लो .... पर वो पाकिस्तानी नहीं है !!!!

तो अब क्या होगा .... बहस !!!!
पर मेरा मानना है कि रोज़ रोज़ टीवी पर जिस तरह की बहस हो रही है वह अशोभनीय है .... चैनल का एंकर स्वयं किसी वक्ता प्रवक्ता से कम ना हो एक जज और भारतीय वकील बन जाता है - एक दो पुराने फौजियों को दम ठोकने बैठा लिया जाता है - और एक कोंग्रेसी एक भाजपाई और एक आध अन्य पार्टी प्रवक्ताओं को - और साथ ही पाकिस्तान से भी एक आध तुर्रमखां को जोड़ लिया जाता है ....

और फिर शुरू होता है दोनों तरफ से गलियों का दौर - इधर से संख्या अधिक होने से सब के सब पाकिस्तानी पर पिल पड़ते हैं और उधर से एक आध पीरज़ादा कॉफ़ी पीते-पीते कभी मुस्कुराते कभी ताने मारते कभी गालियां देते बैठे-ठाले बेनतीजा बहस करता रहता है .... और अंत में देख लेंगे निपट लेंगे आदि धमकियों के साथ हर वक़्त एक जैसी बहस अपने अतार्किक अंत पर पहुंचती है .... और अंत में एंकर बड़ी अदा से डायलॉग देता है - देखना होगा कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से कब बाज़ आएगा और आएगा भी कि नहीं ????

मित्रो आज भी मैदान खुल्ला है - हिंदी अंग्रेजी टीवी चैनल चालू हैं - वातावरण निर्मित हो चूका है - आप तैयार रहें - भारत की तरफ से ये दावा किये जाने के बाद कि पकड़ा आतंकी पाकिस्तानी है और पाकिस्तान की तरफ से दावा किये जाने के बाद कि वो पाकिस्तानी नहीं है - कई जबरदस्त बहसें सुने - और अंत में ..... अंत में यदि भारतीय ये मान लें कि वो पाकिस्तानी नहीं है - या पाकिस्तानी बोल दें कि वो तो पाकिस्तानी ही है - तो कमेंट्स में मुझे पाकिस्तानी कहने के अलावा जितनी गालियां दें आपकी मर्ज़ी .....

आशा है आप मेरा मतलब समझ गए होंगे .... ये मुद्दा अहम है पर बहस के लिए अहम नहीं ....
अन्य कई मुद्दे हैं जो अहम भी हैं और बहस के लिए भी अहम .... मसलन संसद को कैसे चलायमान रखा जाए - और फ़ड़तूस सांसदों को कैसे चलायमान किया जाए .... है ना !!!!

No comments:

Post a Comment