Thursday 27 August 2015

//// आज के गुजरात उपद्रव "राज्य प्रायोजित" - तो क्या २००२ के दंगे नहीं ? ..////


२००२ के गुजरात दंगे .... मोदी जी पर आरोप लगते रहे कि दंगे "राज्य प्रायोजित" थे .... "राजधर्म" का पालन होना चाहिए था ....
मोदी जी आरोप नकारते रहे ....

आज फिर आरक्षण के मुद्दे पर भड़के उपद्रव में कई वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहे हैं और न्यूज़ चैनलों पर भी दिखाए जा रहे हैं - जिनमें गुजरात पुलिस को पूरी वैमनस्यता के साथ एक तरफ़ा अनेक वाहनों को अकारण क्षति पहुंचाते देखा जा सकता है ....

इन वीडियो से ये सपष्ट है कि गुजरात में भड़के उपद्रव "राज्य प्रायोजित" हैं और "राजधर्म" का पालन नहीं हुआ है ....

आशा करता हूँ कि गुजरात सरकार इस शर्मनाक तथ्य को स्वीकार करेगी - और दोषियों सहित अपने ही विरुद्ध कोई ठोस कार्यवाही भी ज़रूर करेगी ....
अन्यथा गुजरात सरकार चिल्लाती रहेगी कि उपद्रव हो जाने का कारण सरकार नहीं .... और लोगों में ये बात और पैवस्त होती रहेगी कि २००२ के दंगे और २०१५ के उपद्रव "राज्य प्रायोजित" थे ....

अस्तु मोदी जी को ये भी समझाईश देना चाहूँगा कि वो स्वयं ये सुनिश्चित कर लें कि गुजरात सरकार और गुजरात पुलिस पर तत्काल ठोस कार्यवाही हो जाए .... और कार्यवाही होते सबको दिख भी जाए !!!!

मोदी जी !! कृपया विदित हो कोई जरूरी नहीं कि आपका घोर आलोचक आपको सही समझाईश ना दे - और आपके भक्त आपको गलत सलाह ना दें ....

और हाँ समरण रहे - आप नसीब वाले हैं कि एक बार आपको परम आदरणीय वाजपेयी जी ने समझाईश दी थी कि "राजधर्म" का पालन होना चाहिए - और आज फिर मैं आपको समझाईश दे रहा हूँ - आशा है आप जरूर समझ जाएंगे !!!!

3 comments:

  1. Hurre... achha laga sir gujrat ko bhi dekhkar aaj our ye blog padh kar bhi :)

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  2. असल में दंगाइयों को बहुत दिनों से पराक्रम दिखाने का अवसर नही मिला था। सांप को पालना है तो दंश झेलना ही पडेगा।

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  3. असल में दंगाइयों को बहुत दिनों से पराक्रम दिखाने का अवसर नही मिला था। सांप को पालना है तो दंश झेलना ही पडेगा।

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