Thursday 13 August 2015

//// सौ फेंकू की एक पप्पू की ....////


फेंकू ने पप्पू का खूब उपहास किया .... इतना कि अब खुद उपहास का पात्र हो गया ....
आज पप्पू ने ललकार दिया .... फेंकू डरता है - इसमें दम नहीं ....

पप्पू की बात में दम लगा .... और ये भी लगा कि अब पप्पू को पप्पू मानना ऐसी ही मूर्खता होगी जैसी कि फेंकू को दमदार मान लेना ....

बल्कि मुझे तो लगता है कि अब एक नई पीढ़ी का ऐसा नेता देश के सामने आ रहा है जो पुरानी पीढ़ी से हटकर कुछ 'अच्छा' सोचते करते दिख रहा है - और जिससे कुछ अच्छे की आशा बंध रही है .... जो अब बड़ा हो गया है - स्याना हो रहा है !!!!

तो आगे इंतज़ार रहेगा .... अब 'फेंकू' क्या क्या नहीं कर पाता - और राहुल गांधी क्या करते हैं !!!!

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