Monday 17 August 2015

//// ६० साल का स्यापा ही रोते रहेंगे .... ये एहसानफरामोश ....////


मोदी सरकार को देश ने चुना था इस उम्मीद से कि ये आगे की बातें करेंगे - कुछ अच्छा करेंगे ....
पर ये सरकार १५ महीने में ही सालों पीछे चली गई .... आज ये फिर से पुरानी सरकारों की बातों पर छाती कूट रही है .... रोना रोने लगी है .... विरासत पर कभी इतराती है तो कभी उसी विरासत को दयनीय बताती है .... और इसमें मुझे दुविधा कम पर मक्कारी ज्यादा नज़र आती है !!

लगता है यदि ये सरकार नसीब के सहारे अपने ५ साल के कार्यकाल तक पूरा टिक गई तो देश का एक फायदा तो जरूर हो जाएगा - भाजपा और कांग्रेस की पूरी जनमपत्री देश के सामने खुल जाएगी .... और पिछले ६० साल में क्या गलत हुआ और किसने गलत किया ये पूरे देश को मालूम पड़ जाएगा !!

पर साथ ही मुझे ये आशा भी है कि शायद लोगों को ये एहसास भी हो जाएगा कि पिछले ६० सालों में भले ही कुछ गलत किया गया होगा पर बहुत कुछ अच्छा भी हुआ है .... और यह भी विश्वास हो जाएगा कि भले ही मोदी जी कुछ कर ना पाएं हों और आगे भी ना कर पाएं - पर जो वायदे भी अब तक फेंक पाएं हैं उसकी नींव और इमारत तो ६० साल में ही रखी गई थी ....

मसलन आप जिन स्कूलों में शौचालय बनवा अपने को सूरमा मान रहे हो वो स्कूल तो पिछले ६० साल में ही बने हैं ....
और मसलन जिस पाकिस्तान को शब्द बाण छोड़ कर आप वीर पेश आने का प्रयास कर रहे हो उसके पीछे की औकात असली शस्त्र बाण तो पिछले ६० साल में ही बने हैं ....
और मसलन विदेश में जाकर आप जिस भारतीय समुदाय को बरगला तालियां ठुकवा रहे हो उस समुदाय को विदेश में जाकर झंडे गाड़ने लायक भी तो पिछले ६० वर्ष के अच्छे क्रियाकलापों ने ही बनाया है ....    

और इसलिए मुझे लगता है कि ये मोदी सरकार अपने २५% कार्यकाल में ही जिस निम्न स्तर तक गिर चुकी है ये सरकार अपने ७५% बचे कार्यकाल को पूर्ण नहीं कर सकेगी ....
और भाजपा का भी ये ५ वर्ष का काल अंतिम और अनंतिम ही रहेगा .... ६० साल तो दूर कुल जमा ६ साल का भी मौका अब नहीं मिलेगा !!!!

क्या ये देश एहसानफ़रामोशों को और तोकेगा ?? कदापि नहीं !!!!

2 comments:

  1. इस देश की राजनीति एक दूसरों की गलतिओं गिनाने मैं ही रह गयी है , कोई इन गलतिओं से सीखना नहीं चाहता। अपनी गलतिओं से दूसरों की गलतिओं से सही ठहराता है और पिसती जनता है इन की गन्दी राजनीति में..

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  2. इस देश की राजनीति एक दूसरों की गलतिओं गिनाने मैं ही रह गयी है , कोई इन गलतिओं से सीखना नहीं चाहता। अपनी गलतिओं से दूसरों की गलतिओं से सही ठहराता है और पिसती जनता है इन की गन्दी राजनीति में..

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