धर्म आधारित जनगणना २०११ के अब जारी आंकड़े बताते हैं ....
हिन्दू ९६.६३ करोड़ (७९.८ %) ....
मुस्लिम १७.२२ करोड़ (१४.२ %) ....
ईसाई २.७८ करोड़ (२.३ %) ....
सिख २.०८ करोड़ (१.७ %) ....
बौद्ध ०.८४ करोड़ (०.७ %) ....
जैन ०.४५ करोड़ (०.४ %) ....
और कुछ लोगों की चिल्लाचोट और आंकड़ों का विश्लेषण ये बताता है कि ....
देश धर्म के नाम पर बँटा हुआ है .... बाँटा गया है ....
बिहार चुनाव नज़दीक हैं .... और नतीजों के परिप्रेक्ष्य में आंकड़े महत्वपूर्ण ....
मुस्लिम जनसँख्या के नाम पर हिन्दुओं को डराने वाले अतार्किक शाने हैं ....
मुस्लिम जनसँख्या के नाम पर डरने वाले हिन्दू डरपोक हैं ....
हिन्दू जनसँख्या के नाम पर मुस्लिमों को डराने वाले शंकित हैं ....
हिन्दू जनसँख्या के नाम पर डरने वाले मुस्लिम सतर्क हैं ....
सिख ना डरते हैं ना डराते हैं ....
और ईसाई बौद्ध जैन सभी बहुत अच्छे सभ्य नागरिक हैं - थोड़ा बहुत स्वाभाविक रूप से डरते हैं - और इनके सबके साथ-साथ सद्भाव से रहने के कारण देश की दुनिया में इज़्ज़त है ....
और बचे-खुचे भक्तों को समझना ही पड़ेगा कि - १२१.०९ करोड़ की आबादी वाले इस देश में १ मैं भी शामिल हूँ और १ नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं .... और हम दोनों का बराबर का योगदान है .... समझे ??
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