Thursday 6 August 2015

//// खोदा पहाड़ - चुहिया तक नहीं निकली ....////


आज संसद में विपक्ष नहीं था .... विपक्ष आज सड़क पर था .... मैदान साफ़ था ....

और ऐसे में ललित गेट के 'मानवीय' लफ़ड़े में लिप्त सुषमा स्वराज का बहुप्रतीक्षित बहुप्रचारित बचावी बयान मनमर्ज़ी माफिक बेरोकटोक हो ही गया .... मेजों की थपथपाहट के बीच ....

मैंने भी बयान सुन लिया .... मेरी प्रतिक्रिया ....

खोदा पहाड़ निकली चुहिया भी जैसा कुछ नहीं हुआ - बल्कि चुहिया तक नहीं निकली ....

जो कुछ कहा उसमें तनिक भी नया नहीं निकला जिसके आधार पर सुषमा जी को माफ़ किया जा सके .... बल्कि मेरे अनुसार आज के बाद इस्तीफे की मांग और ज़ोर से उठनी चाहिए - और उठेगी .... क्योंकि सुषमा जी के बयान से उन पर लगे पुख्ता आरोप आज और पुख्ता हो गए - "मानवीय" आधार आज पूर्ण रूप से "अमानवीय" आधार उजागर हो गया !!!!

हाँ आज मैं भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा की तारीफ जरूर करूंगा - वे टीवी-दर-टीवी भटकते इतने दिनों से सुषमा जी के हवाले से चिल्ला चिल्ला जो भी कुतर्क दे रहे थे - वे मनगढंत नहीं निकले - सभी कुतर्कों की पुष्टि आज स्वयं सुषमा जी ने कर दी .... बल्कि मुझे तो लगा कि सुषमा जी संबित पात्रा की प्रवक्ता जैसे वही बातें तो दोहरा रहीं थीं .... इसलिए संबित पात्रा को बधाई !!!!

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