Friday 28 August 2015

//// लाइव सीरियल "इन्द्राणी" !! तो चलो इस बहाने ही चुप्पी तोड़ो .... ////


ललित कांड हो गया - व्यापम कांड हो गया - संसद का पूरा मानसून सत्र धुल गया - पाकिस्तान कई बार टुच्चाई बता गया - हमारे कई शहीद हो गए - जम्मू कश्मीर में पाक झंडा और पाक नारे आम हो चले - महँगाई कमर हाथ पाँव हिम्मत तोड़ गई - गुजरात में पुलिस उपद्रव कर गई .... और पूरा देश मोदी जी को तकता रहा - कि अब ये बोलेंगे चुप्पी तोड़ेंगे ..... पर तमाम मज़ाक ताने गुस्से उपहास धिक्कार के बावजूद मोदी चुप रहे !!

और अब इस देश में ऐसा कुछ ऐतिहासिक घटित हो रहा है कि पूरा देश उठते बैठते सोते जागते खाते पीते बस इसके बारे में ही बात कर रहा है .... और ये है देश का लाइव सीरियल "इन्द्राणी" ....

किसकी कितनी बार शादी हुई - किसने किसको बुद्धू बनाया - कौन पागल गधा - कौन गंदा सूअर - कौन बड़ा नीच - किसने किसको छोड़ा - कौन किससे जुड़ा - किसने क्या पैदा किया - किसको क्या पैदा हो गया - कौन बेटा किसका बाप - कौन बेटी कौन बहन कौन माशूका कैसी अम्मा - किसने क्या उगला क्या निगला - किसने किसको मारा किसको बचाया - कौन झूठ बोला कौन सच नहीं बोला - किसका चरित्र घटिया और कौन चरित्रहीन .... ????

यानी टुच्चों का एक महँगा गुलदस्ता - तरोताज़ा बाँस मारता ....
नई सी थीम - कुछ हट कर पटकथा - कुछ अलग प्रकार के किरदार - सभी उच्च कोटि के विलेन - देखने में ढँके सुन्दर पर नंगे विकृत ....

तो सीरियल तो हिट होना ही था और हिट हो गया - और चर्चित भी - और पूरा देश इस विषयक बोल रहा है .... और बड़ी शिद्दत से बोल रहा है ..... ८० रुपये किलो प्याज और १५० रुपये की दाल खा-खा कर खुद मरणासन्न हो बोल रहा है - "इन्द्राणी ने शीना को क्यूँ मारा" ???? 

इसलिए मैं सोच रहा था कि लगभग सभी सामाजिक मुद्दों पर प्रवचन देने वाले हमारे मोदी जी इस प्रकरण के बहाने ही बोलकर अपनी चुप्पी तोड़ दें ....

क्या है - मामला ही इतना घटिया है कि जब मैं लिख रहा हूँ तो मोदी जी का बोलना तो बनता है .... आज नहीं तो ३० अगस्त को "मन की बात" में बोल दें .... बता दें कि पीटर मुखर्जी को बंगाल से टिकट देंगे या अभी तुरंत बिहार से - या अब नहीं देंगे .... आदि इत्यादि !!

3 comments:

  1. किसको इन्द्राणी काण्ड से मतलब है ? अरे भई महंगाई पर काबू करो , बिजली कंपनियों की लूट पर लगाम लगाओ, रोजगार पैदा करो, नदियों को आपस में जोड़ो, शहरों की गंदगी हटवाओ....बहुत काम पड़े हैं, अच्छे काम करने वालों के बारे में लोगों को बताओ ताकि हमें लगे की हम भी कुछ अच्छा करें.

    ReplyDelete
  2. उधर आपटार्ड इस गुत्थी को नहीं सुलझा पा रहे कि साला हम लोग तो भ्रष्टाचार के खिलाफ थे फिर अचानक हम लालू-कांग्रेस के साथ ही खड़े क्यों दिख रहे हैं

    ReplyDelete