दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती पहले भी कई बार विवाद में फसांयें जाते रहे हैं - या हो सकता है फंसते रहे हों .... पर इस बार सोमनाथ भारती एक और विवाद में निश्चित ही स्वयं और पूरी शिद्दत के साथ फंस पड़े हैं ....
श्रीमान ने शानपत का परिचय देते हुए दिल्ली विधानसभा में सोमवार को महिला सुरक्षा पर स्पेशल सेशन के दौरान डायलॉग दे मारा - “मुझे इस बात का यकीन है कि अगर सिक्योरिटी की जिम्मेदारी पूरी तरह से दिल्ली सरकार को मिल जाए तो खूबसूरत महिलाएं आधी रात को भी बिना किसी डर के बाहर निकल सकेंगी” ....
और जब अपने को फंसा पाया तो ट्वीटे कि - उन्होंने केवल ज्वैलरी पहनकर निकलने वाली महिलाओं के बारे में बात की थी ....
मेरी प्रतिक्रिया .... यदि आपका मतलब "ज्वैलरी पहनकर निकलने वाली महिलाओं" से ही था तो ये निगोड़ा "ज्वैलरी" शब्द आपके हलक से बाहर आने को क्यूँ मना कर गया - और नटखट "खूबसूरत" शब्द उछल कर स्वयं बाहर कैसे आन पड़ा ??
अब मान लो कि कल से आप जैसा ही कोई ये बोल पड़े कि - बदसूरत मर्दों को दिल्ली में रात को नहीं निकलना चाहिए .... और जब बवाल कटे तो वो वो भी टेका लगा दे कि बदसूरत मर्दों से मतलब गंजे मर्दों से था .... तो श्रीमान क्या गंजों को बुरा नहीं लगेगा ??
सोमनाथ जी !! सार्वजनिक जीवन में बोलना पर नापतोल कर संयत बोलना सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक है .... और जब मौका हो या मौका आ जाए या मौका मिले तब ही उचित बोलना या दहाड़ना श्रेयस्कर होता है ....
चुप रहने की कला आपको मनमोहनसिंह या जयललिता या नवीन पटनायक से सीखनी चाहिए ....
संयत बोलने और दहाड़ने की कला आपको केजरीवाल से सीखनी चाहिए थी ....
पर ऐसा लगता है आप तो फ़ोकट बोलने की या फिर चुप हो जाने की अनूठी कला मोदी जी से सीख बैठे .... छिः !!!!
{{ पुनश्च : मेरे पोस्ट करने के लगभग १ घंटे पश्चात - मुझे कुछ दोस्तों के द्वारा यह इंगित किया है कि सोमनाथ भारती ने अपने पहले ही वक्तव्य में जो विधानसभा में दिया था उसमे "सुन्दर से सुन्दर स्त्री गहने पहने" शब्दों का प्रयोग किया था - और जब मैंने स्वयं सुना तो इसे सही पाया - अतः मैं सोमनाथ जी पर किये कटाक्ष हेतु माफ़ी चाहता हूँ - पर फिर भी यह मानता हूँ की "सुन्दर" शब्द का प्रयोग भी उचित नहीं कहा जा सकता - और आशा करता हूँ कि वो आगे भी बिना डरे पर और संयम से अपनी बात रखते रहेंगे .... साथ ही यह भी स्पष्ट करना चाहूँगा की नेट पर उपलब्ध अभी भी वही लिखा है जो मैने उद्घृत किया था - अतः गलत रिपोर्टिंग हेतु मीडिया भी प्रत्यक्ष रूप से गुनहगार दिखता है }}
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