Friday 16 January 2015

//// खासमखास का एहसान तो चुकता हो रहा है - पर जनता के साथ विश्वासघात क्यों ? ////

जैसे जैसे समय बीत रहा है मोदी जी की पोल दिन-ब-दिन खुलती ही जा रही है ....
पर इसके बीच एक बात और फैलाई जा रही है कि मोदी जी एहसान फरामोश नहीं हैं .... शायद ये वैसी ही तारीफ है जैसी कि कोंग्रेसियों द्वारा भूतकाल में इंदिरा गांधी या सोनिया गांधी के लिए की जाती रही है !!
पर भक्त लोग इस तारीफ से खुश हो बावले हो जाएं उसके पहले मैं ये भी साफ़ कर दूँ कि अब तक जो सामने निकल कर आया है उसके अनुसार एहसान तो चुकता हो रहा है - पर कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों का - साधुओं और साध्वियों का - विहिप बजरंगदल का - आरएसएस का - बिकाऊ मीडिया का - रामदेव का - राम रहीम का - आदि इत्यादि का - जिनके लिए ये माना जाता है कि उन्होंने मोदी जी को चुनाव जीतने में मदद करी थी !!
अब ये सब लोग जिनका एहसान चुकता होते आप और हम महसूस कर रहे हैं - क्या वे अच्छे लोग हैं या बुरे लोग .... मनन और निर्णय आप को करना है !!
व्यक्तिगत रूप से तो मैं केवल इतना जानता हूँ कि भले ही मोदी जी जीत का श्रेय उनको ही देते हों जिनका कि एहसान उतारा जा रहा है - पर शायद थोड़ा सा श्रेय तो उस जनता को भी जाता ही होगा जिसने मोदी जी के नाम पर भाजपा को वोट देकर भाजपा को जिताया ....
तो फिर उस जनता का एहसान कब उतरेगा ????
मुझे लगता है शायद कभी नहीं - इस मामले में मुझे मोदी जी एहसान फरामोश ही दिख रहे हैं - और शायद देश का यही सबसे बड़ा दुर्भाग्य होने जा रहा है !!!!

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