Wednesday 7 January 2015

//// तेल देखा तेल की धार देख ली - मनमोहन अच्छे - मोदी फ़ड़तूस ////

मित्रों आज मैं मोदी जी की ही बात को मानते हुए लोकतंत्र के हित में मोदी जी की स्वच्छ तीखी 'आलोचना' करना चाहता हूँ - कृपया इसे 'आरोप' ना समझें ....
विषय है तेल की कीमतें >>>>
> कल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम साढ़े पांच साल के निचले स्तर पर आ गए - यानि रूपए ५३.५० प्रति बैरल जो मई २००९ के समतुल्य हो गए !!!!
> पर जनाब मई २००९ में पेट्रोल की कीमत थी रुपये ४०.६२ प्रति लीटर - लेकिन आज ये कीमत है ६५.२३ प्रति लीटर .... यानि रुपये २४.६१ प्रति लीटर अधिक ....
> इसी तरह मई २००९ में डीज़ल की कीमत थी रुपये ३०.८६ प्रति लीटर - लेकिन आज ये कीमत है ५५.७७ प्रति लीटर .... यानि रुपये २४.९१ प्रति लीटर अधिक !!!!
क्या ये मेरे साथ लूट नहीं है ???? पूरे २४-२५ रुपये प्रति लीटर कि खुल्लम खुल्ला लूट ????
क्या ये आपके साथ भी लूट नहीं है ?? क्या ये हिन्दुओं भक्तों भाजपा कार्यकर्ताओं आदि सभी के साथ भी लूट नहीं है ????
और जनाब आलम देखें कि मोदी जी "अच्छे दिन - अच्छे दिन" की रट लगाए हुए राजनैतिक आक्रामकता का भोंडा प्रदर्शन करते रहे हैं - जबकि आदरणीय मनमोहन सिंह जी ने कभी भी शालीनता का परित्याग नहीं किया था ....
इसलिए मोदीजी कृपया अपनी आलोचना सुनें - कि आप से तो लाख दर्जे अच्छे थे मनमोहन सिंह जी लेकिन आप तो फ़ड़तूस निकले .... इसलिए अब बेहतर होगा कि मनमोहन सिंह जी के व्यक्तित्व और कार्यप्रणाली की कुछ अच्छाइयों को पहचानें और उनका अनुसरण करें ....
और हाँ राष्ट्रहित में आपकी एक और आलोचना ....
मोदी जी बेहतर होता यदि आप नए 'नीति आयोग' में स्मृति ईरानी या गडकरी की जगह काबिल मनमोहन सिंह जैसे किसी व्यक्ति को स्थान देते .... पर लगता है ना तो आप स्वयं कुछ करने में सक्षम सिद्ध हो रहे हैं ना ही सही व्यक्तियों का चयन करने में .... तो ज़रा ठंडे दिमाग से सोचिये - गिरेबान में झांकिए - केवल रामज़ादों के बारे में सोचना बंद कीजिये और अपने दत्तक पुत्र "विकास" के बारे में कुछ सोचिये और कुछ तो करिये ....
या फिर इस्तीफ़ा दे पहुंचे साबरमती किनारे कुछ साल मंथन करने के लिए - या नर्मदा किनारे पटेल की मूर्ती बनाने के लिए - या गंगा किनारे घाट की सफाई करने के लिए - या कुछ और सार्थक आपकी योग्यता अनुसार !!!! धन्यवाद !!!!

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