Saturday 31 January 2015

//// "विकास पुत्तर" के बाद अब "विश्वास पुत्तर" की झांकी ?? ....////


आप पार्टी ने अभी-अभी शानदार मैनिफेस्टो जारी किया है ....
और तब से ही भाजपाई - चीं चैं चौं  करने लगे हैं .... फण्ड कहाँ से लाएंगे - बिना केंद्र सरकार की मदद के कैसे कर पाएंगे - कहने से क्या होता है - कहने और करने में फर्क है - बातें "विश्वास" योग्य नहीं हैं .... आदि !!!!

मित्रों इससे एक बात तो स्पष्तः स्थापित हो गई कि केजरीवाल ने जो कहा सौ टंच सही कहा - कम से कम उनकी कथनी तो १००% सही पाई गई है .... और इस विषयक तो भाजपाइयों ने भी अब हाथ टेक दिए हैं - अतः भक्तों की हालत का अंदाजा तो लगाया ही जा सकता है - बेचारे !!!!

अब आ जाए दूसरे पहलू पर - कि उन्होंने जो कहा उस पर "विश्वास" किया जाए या नहीं ??
मेरी विवेचना ....

क्यों भाई भक्तों ! सारा "विश्वास" तुम्ही पर क्यों किया जाए - क्या तुम "विश्वास" के भी चाचा काका मामा हो - सुरखाब के पर लगे हैं तुममें - क्या किया ८ महीने में जो तुम पर और "विश्वास" करें - और क्या नहीं हुआ था उन ४९ दिनों में जो हम केजरीवाल पर विश्वास ना करें ????

भक्तों कान खोल कर सुन लो .... पहले "विकास"-"विकास" बहुत चिल्ला लिए .....
अब "विश्वास"-"विश्वास"चिल्ला रहे हो .....
जबकि तुम ""विश्वास पुत्तर" का गला तो पहले ही घोंट चुके हो और "विकास पुत्तर" का गर्भपात नौवां लगते ही हो गया है ....
इसलिए अब "विकास" और "विश्वास" की ओछी राजनीति से बाज़ आओ - इन दोनों की झांकी निकल चुकी है और चुक्ता भी हो चुकी है .... करना हो तो मुद्दों की बात करो .... थोड़ी देर अपने दिमाग से निकालो कि केजरीवाल मफलर क्यों पहनता है - खांसता क्यों है - उसकी खांसी छोडो अपने गले की परवाह भी करो !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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