Thursday 22 January 2015

//// अरे उस बूढे बाबा की भी तो सुनो .... ////


एक अधेड़ महिला को मिर्गी का दौरा पड़ा और वो बीच चौराहे बेहोश हो गिर पड़ी ....
काफी भीड़ इकट्ठा हो गयी - चिंता और उपचार की बातें होने लगीं .... अलग अलग आवाज़ें आ रहीं थीं >>
> अरे ज़रा दूर हो जाओ हवा आने दो ....
> अरे इसे पानी का छींटा मारो ....
> अरे इसकी नाक पर गोबर का ओपला रख दो ....
> अरे इसे चप्पल सुंघा दो ठीक हो जाएगी ....
इसी दौरान एक बुज़ुर्ग भी बार-बार बोल रहे थे कि - ये मिर्गी का दौरा है - इसे गरम-गरम जलेबी खिलाओ ये ठीक हो जायेगी ....
पर भीड़ ज्यादातर हवा आने पर, चप्पल सुंघाने, पानी का छींटा मारने आदि का मन बना रही थी ....
इतने में महिला ने धीरे से आँखे खोलीं और बूढ़े बाबा की तरफ इशारा करते बोली .... अरे भैया कोई उस बूढ़े बाबा की भी तो सुनो - वो जलेबी की कह रहे हैं - सुनो बाबा क्या कह रहे हैं - सुनो !!!!

मित्रों आज मुझे उपरोक्त किस्सा याद हो आया - क्योंकि .....
आज मैंने देखा भाजपा को मिर्गी का दौरा पड़ा था - वो चौराहे पर बेहोश पड़ी थी - और तमाम बहस के बीच वो आज बोली - अरे सुनो - शांति भूषण जी क्या बोल रहे हैं !!!!

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