Thursday 15 January 2015

//// भ्रष्टाचार के विरुद्ध 'जनआंदोलन' की हत्या के बाद मेरी उम्मीद 'अरविन्द केजरीवाल' क्यों ? ////

कोई समझे या ना समझे - मैं यह अच्छे से समझ चुका हूँ कि कांग्रेस और भाजपा ने मिल कर जनलोकपाल जनआंदोलन को कैसे और क्यों नेस्तनाबूद किया ....
मेरे आंकलन अनुसार बहुत ही सोची समझी रणनीति के तहत ये कार्य करने में इन दोनों पार्टियों ने दो फॉर्मूलों का सहारा लिया ....
पहला फार्मूला था - 'BUY TIME' ..... यानि कि जब सर-सर पानी आ गया था और जब कुछ न करते बन रहा था तो एन-केन-प्रकारेण यानि सही गलत किसी भी तरीके से झूठ सच बोल कर किसी भी तरह मुद्दे को टाला जाए - इसका मकसद था कि आंदोलनकारी लम्बे आंदोलन से थक हार जाएंगे और भ्रष्ट अपने मकसद में सफल हो सकेंगे ....
दूसरा फार्मूला था - 'DIVIDE AND RULE' .... यानि वो टेस्टेड फार्मूला जो अँगरेज़ हमारे विरुद्ध अपनाते आये थे - इसका मकसद था कि आंदोलनकारियों की एकता को तोड़ उसे मृतप्रायः बना दिया जाए और फिर एक बार भ्रष्टाचार का राज स्थापित किया जा सके ....
शायद दोनों पार्टियों के दोनों फॉर्मूले सटीक सफल हुए और दोनों भ्रष्ट पार्टियां अपने मकसद में लगभग सफल .... "लगभग" ....
जी हाँ "लगभग" सफल इसलिए कि भले ही जनलोकपाल को दफना दिया गया - जनआंदोलन असफल कर दिया गया - आंदोलन की टीम को छिन्न भिन्न कर दिया गया - स्वार्थी नेता और उद्योगपति फिर से लामबंद हुए - और सफल हुए - और सत्ता हासिल करी ..... लेकिन शायद भ्रष्टाचारियों की यह सारी सफलता 100% तक कभी भी नहीं पहुँच पाई - क्यों ?
शायद इसलिए कि उस आंदोलन की आत्मा ज़िंदा रह गयी - जी हां !! 'अरविन्द केजरीवाल' मरे नहीं हारे नहीं हतोत्साहित नहीं हुए - और वो आज भी अपने पथ पर अडिग चलते अकेले लोहा ले रहे हैं - अपना सुख-चैन त्याग - अपनी जान जोखिम में डाल - और सभी भ्रष्टाचारियों के लिए एक डर बने हुए हैं - और आज भी हमारी 'उम्मीद' को जगाये हुए हैं ....
और तो और उन्होंने अभी तक जो राजनीतिक कौशल्य का परिचय दिया है वो भी मुझे अतुल्य लगता है ....
शायद इसलिए आज मैं अपनी तुच्छ क्षमता अनुसार केवल इस 'उम्मीद' = 'अरविन्द केजरीवाल' का साथ दे रहा हूँ ....
शायद इसलिए मुझे उनका मफलर नहीं अखरता - उनकी बच्चों की कसम नहीं सालती - उनका धरना विचलित नहीं करता - उनका त्यागपत्र गलत नहीं लगता ....
और आज केजरीवाल के विरुद्ध किरण बेदी का सामने आना भी अच्छा नहीं लगा - और कल शाज़िया इल्मी का आना भी अच्छा नहीं लगेगा !!!!
बाकी आप सबकी अपनी अपनी सोच अपना अपना विवेक .... मेरे दिल की बात यहीं तक !!!!
धन्यवाद !!!!

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