Wednesday 21 January 2015

//// माल्यार्पण या "माल-अर्पण" .... बेड़ा ही गर्क होता दिख रहा है !! .. ////

आपके मन में श्रद्धा हो न हो - पर आपको चुनावी रणक्षेत्र में आते ही मंदिर मस्जिद संतो मौलवियों आदि को मत्था टेकने अरदास करने पूजा प्रार्थना करने हाथ पाँव जोड़ने जाना ही पड़ता है ....
और इसके साथ ही आप जिस पथ पर भी अपने चरणों को प्रशस्त करते हैं उस पथ पर महीनों से खड़े धूल-धूसरित पुतले को माल्यार्पण करना भी अतिआवश्यक हो जाता है ....
तो आज भाजपा में पैराशूट से लैंड करी भाजपाई संस्कारों से लैस किरण बेदी को कुछ लम्बाई रोड से भी तय करना अपरिहार्य था - वो अपना परचा भरने निकली थीं ....
पर रास्ते में आन पड़ी लाला लाजपतराय जी की धूल-धूसरित मूर्ती ....
और इसलिए परम्पराओं के अनुसार उनका माल्यार्पण होना अतिआवश्यक हो गया ....
६५ की उम्र में शरीर से चपल किरण बेदी चढ़ गयीं और ला खड़ा किया अपने को मूर्ती के समकक्ष ऊंचाई पर - फिर मूर्ती को पोंछा - ऊपर नीचे आगे पीछे - फिर गले में पड़े कमल छाप भगवा भाजपाई दुपट्टे से चेहरा ऐसे साफ़ किया मानो उन्हें वैसा ही चेहरा दिख रहा हो जैसा कि मोदी जी का हो जिसका नाटकीय वर्णन उन्होंने पार्टी में आते ही किया था ....
और फिर उन्होंने कर दिया माल्यार्पण ....
पर ये क्या ?? चंद क्षणों में ही किरण बेदी ने अपना वही कमल छाप भगवा भाजपाई गंदा दुपट्टा उतार पलक झपकते पहना मारा लाला लाजपतराय जी की असहाय मूर्ती को .... शायद ये "माल-अर्पण" था - भाजपा के गंदे माल का अर्पण ..... छिः!!!!
मूर्ती तो निर्जीव थी कुछ नहीं बोली पर नीचे से किसी सामान्य समझदार ने चिल्ला कर चेताया कि ये क्या बेवकूफी हो रही है .... तो मैडम ने अगले ही क्षण पलक झपकते वही दुपट्टा मूर्ती से उतार अपने गले में डाल लिया .... और फिर नीचे अपनी औकात के समक्ष उतर आईं ....
और बात यहीं खत्म नहीं होती है - जब तत्काल बाद उनसे किसी पत्रकार ने उनकी इस घटिया हरकत के कारण उठे विवाद पर प्रतिक्रिया चाही तो बिना किसी खेद के मैडम ने कहा कि वो तो लाला लाजपतराय जी का आशीर्वाद लेने गयीं थीं .... बस .... हो गया .... फालतू बातें न हों .... बस ....
मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि जिस नेता को ६५ साल की उम्र में भी सामान्य शिष्टाचार की मूलभूत जानकारी नहीं हो - जिनको राजनीति के "DOs & DONTs" की माहिती ना हो - और जिसमें ससमय खेद प्रकट करने का साहस या चातुर्य ना हो वो राजनीति और जनसेवा क्या खाक करेंगी ???? लगता है वो तो बेड़ा गर्क ही करेंगी !!!!

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