Tuesday 6 January 2015

//// ये सरकार और तेल .... ////

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें फिर गिरीं .... गिरते ही जा रही हैं .... कुछ उछाल उतार के बाद अंततः पिछले साढ़े पांच साल के सबसे निचले स्तर पर ....
और इधर राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार की साख भी गिरी .... गिरते ही जा रही है ....कुछ उछाल उतार के बाद अंततः पिछले साढ़े पांच साल के सबसे निचले स्तर पर ....
लगता है केंद्र सरकार और तेल का कुछ तो संबंध है .... ऐसा अर्थशास्त्री भी मानते हैं ....
पर फिर भी लगता है इस बेशर्म सरकार की तो फिर भी चांदी ही है - क्योंकि सरकार के लिए साख गयी है तेल लेने ....
लूट खसोट जारी है - तेल के दाम दुखते मन और कंजूसी से इतने ही घटाते हैं जैसे कोई लाचारी है - और महंगाई कम होना दूर सब्जियों तक के दाम बढ़ना फिर भी जारी है ....
और असल में तेल तो जनता का ही निकल रहा है ....
इसलिए मित्रों मुझे लगता है की हमें इस सरकार को ही भेजना पड़ेगा - तेल लेने !!!!

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