कांग्रेस को निपटाया फिर आम जनता को ही निपटा मारा .. अल्पसंख्यकों को भी निपटाया .. छात्रों शिक्षकों को निपटाया और फिर बुद्धिजीवियों को निपटाया.. और फिर बीच में बैंक और बैंक वालों को निपटा मारा .. और अभी हाल में किसानों को निपटाते ही पहले सारे सीए को लपेटे में लिया और अब बारी चल रही है सभी व्यापारियों की .. .. और यदि समाज के किसी अन्य गणमान्यों को यहां श्रद्धांजलि देना रह गया हो तो भूल-चूक लेनी देनी !! .. ठीक !! .. ..
तो मुझे लगा कि अब डॉक्टरों का नंबर भी लग जाए तो कैसा रहे ???? ..
तो बस इसलिए अब चायवाले के भरोसे अस्तित्व में बने केटली से कुछ प्रश्न हैं कि .. ..
जो डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं जिनकी फीस रु 500 से 1500 तक है और वो एक दिन में कम से कम 50 मरीज देखते हैं - और साथ ही करोड़ों की जांच करवा उसमें भी कमीशन खाते हैं - उनके लिए अर्थक्रांति के हथौड़े GST में कैसे क्या प्रावधान रखे हैं ?? ..
इन डॉक्टरों पर GST कितना % है ?? ..
क्या ढोरों के डॉक्टरों के लिए कुछ विशेष छूट भी है ?? ..
ये डॉक्टर फीस तो कॅश में ही क्यों लेते हैं और कोई बिल या रसीद क्यों नहीं देते ?? ..
और इन डॉक्टरों की इनकम टैक्स की गणना कैसे होती है - कोई विशेष अक्ल या आंकलन का उपयोग होता है कि नहीं ?? ..
और क्या लालू के दामाद और राहुल के जीजा इन ढेर सारे डॉक्टरों से भी ज्यादा बड़े डकैत हैं ?? ..
तो मित्रो !! बताओ तो कैसी कही ?? ..
और भक्तों तुम भी बताओ तो कि कैसी रही ?? .. और अगला नंबर किसका लगाना है ?? .. बोलो तो हिजड़ों का लगा दें .. या फिर कुछ नेताओं का भी ?? .. ..
क्या कहा नेताओं का अभी नहीं - उसके पहले तो इंजीनियरों का नंबर लगना है !! ..
ओके !! .. तो साथियों बस अब तैयार रहना - ५६ इंची से कब तक बचोगे बच्चू !! - तुम्हारा नंबर भी आने वाला है !! .. समझे ?? .. ..
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