Wednesday 26 July 2017

// व्यापम पर तोतापरी सीबीआई की लचर जांच .. और एक और आत्महत्या .. ..//


व्यापमीय मौतों की गणना में १ अंक और जोड़ लें .. क्योंकि १ और ने आत्महत्या कर ली है .. और जिसने आत्महत्या करी है वो है मुरैना का प्रवीण यादव जिसने २००८ में मेडिकल की परीक्षा पास करी थी और उस पर धांधली के आरोप लगे थे .. और जो तब से कोर्ट कचहरी के चक्कर काट-काट कर परेशान था .. ऐसा बताते हैं .. ..

और जो नहीं बताते हैं वो ये .. कि एडमिशन दिलाने की धांधली में लिप्त वो बड़े-बड़े आरोपित नेता जिसमें प्रदेश के राज्यपाल भी थे और मुख्यमंत्री भी और मंत्री भी - उनकी ज़िंदगी कैसी और कितनी मस्ती और ऐश में चल रही है .. और आरोपों पर साहेब की तोतापरी सीबीआई कैसी चालें चल रही है !! .. ..

और कपिल मिश्रा तक की चाकरी करने और वहां तुरत फुरत कार्यवाही करने और खाली हाथ फुर्सत होने के बाद भी तोतापरी सीबीआई व्यापम मामले में ठीक वैसी ही त्वरित कार्यवाही कर क्यों नहीं पा रही है ?? .. ..

और हाँ बताते तो ये भी नहीं हैं कि आत्महत्याओं के अलावा कुल हत्याएं कितनी हुई हैं - और क्या हत्या का जुर्म विरोधियों या विपक्षियों के आर्थिक भ्रष्टाचार से कुछ हल्का या कम संगीन होता है ?? .. और क्या किसी भी हत्या के मामले को अब तक सुलझाया जाकर दूध का दूध और पानी का पानी किया जा सका ?? .. या फिर दूध में पानी तो नहीं मिला दिया गया ?? .. या फिर खून में गौमूत्र तो नहीं मिल गया ?? .. ..

और ये बताते क्यूँ नहीं ?? - इसका कारण मैं बता देता हूँ .. कारण है कि ये बेशर्मी की सीमा पार कर चुके हैं - और दम्भ और दादागिरी और गुंडागर्दी के भरोसे और सहारे ये उद्दंड सफलता प्राप्त करते चल रहे हैं .. अंजाम बुरा होगा कि नहीं - दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि नहीं - और खून का खून और गौमूत्र का गौमूत्र भी होगा कि नहीं - खुदा जाने या ईश्वर .. पर इतना तय है कि अभी और हत्याओं और आत्महत्याओं से इंकार नहीं किया जा सकता .. गणना जारी है .. ..

और इस बीच तोतापरी सीबीआई द्वारा की जा रही लचर जांच के ना तो कोई परिणाम सामने आ रहे हैं और ना किसी का इस्तीफ़ा हो रहा है और ना जांच की निष्पक्षता पर रत्ती भर भरोसा हो रहा है - और यही हम सबका सबसे बड़ा दुर्भाग्य है .. ..

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