मेरे एक बहुत अच्छे मित्र ने अपने स्टेटस मैसेज में लिख मारा है कि ..
" कृप्या मोदी जी की बुराई वाले WhatsApp न भेजें " .. ..
इसी से प्रभावित हो इतवार की छुट्टी के दिन बैठे-बैठाए मेरा ऐतबार योग्य छुट्टा ज्ञान - मुफ्त में प्रसारित .. ..
जो वर्चस्व प्राप्त यशस्वी हवा-हवाई ५६ इंची दादा का प्रशंसक हो साथी हो या उस पर आश्रित हो .. और वो एकाएक भयभीत हो चले - कटने लगे - झेंपने लगे - कुंठित हो चले - चिंतित हो चले - दूसरों से बहस करने में असहज होने लगे - दूसरों से झगड़ने लगे - दूसरों का उपहास करने लगे - दूसरों को नीचा दिखाने लगे - और प्रचार प्रसार करने लगे .. तो मान कर चलें कि - या तो वो अत्यंत अहंकारी है .. या फिर उसे अपने दादा की दादागिरी की हवा निकलते दिख रही है .. यश भी घट रहा है - और वर्चस्व ढीला पड़ता जा रहा है ..
आशा है भक्त गौर फरमाएंगे .. धन्यवाद !!
मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
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