ये पक्के पैसे के पीर .. और आठ महीने से नोट गिन रहे हैं - अनवरत गिन रहे हैं - केवल इतवार की छुट्टी रखते हैं और फिर बस गिनते ही रहते हैं - पर अब तक भी गिन नहीं पाए हैं ?? .. ..
और उसके बाद भी तुर्रा ये कि - आखिर पिछली सरकारों ने किया ही क्या था ?? .. ..
इसलिए कहता हूँ कि ये टोला विश्वास योग्य नहीं है .. इन्हें तो बिना गिने जूते लगाना होगा - और वो भी इतने कि ये खुद भी गिन ही नहीं पाएं .. इन्हें समझ ही ना आए कि नोट कितने आए और जूते कितने पड़े !! .. ..
और जिसे मेरा आईडिया या मेरी भाषा पसंद ना आई हो उसे एक सुझाव .. वो अपना नाम भक्तों की लिस्ट में जुड़वा ले .. गिनती हम कर लेंगे .. क्योंकि हमें गिनती करते आती है .. समझे ?? .. ..
मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
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