Thursday 27 July 2017

// दोगले नितीश .. .. ..//


अब दोगले नितीश पलट गए - झुक गए - धोखा दे गए - ललचा गए - लचलचा गए - बिक गए .. और इस्तीफ़ा देने के मात्र १७ घंटे में परदे के पीछे सुनियोजित कूटरचित पटकथा के अनुरूप एक बार फिर से मुख्यमंत्री की शपथ बेशर्मी और ठपके से ले लिए .. ..

आज भाजपा और नितीश के नंगे नाच और ओछी राजनीति को देख मुझे एक संतोष का भाव भी हो रहा है .. कि मेरा मोदी और भाजपा का विरोध गलत नहीं - क्योंकि मुझे ये फिर यकीन हुआ कि मेरा ये नीतिगत विरोध देशहित और जनहित में ही है .. ..

और जो सब कुछ साफ साफ दर्शित कर दिया गया या स्वयं दर्शित हो रहा है वो शायद देश की आम जनता को ज्यादा नहीं तो थोड़ा थोड़ा तो दिख ही रहा होगा .. वैसे भक्तों और अंधों को दिखता नहीं है - ये भी मुझे स्पष्ट ही है .. और बहुतायत में ऐसे लोग भी हैं जो आँख खोल कुछ देखना भी नहीं चाहते - और यदि खुली आँख कुछ दिख भी जाए तो वो उसे अनदेखा भी कर देते हैं - और वो ऐसा क्यों करते हैं ये तो वो जानें .. क्योंकि आत्महत्या करने वाला भी कहाँ तर्क दे पाता है कि वो आत्महत्या क्यों करता है - और वो समझ भी कहाँ पाता है कि उसे आत्महत्या क्यों नहीं करना चाहिए थी .. है ना !! .. धन्यवाद !!

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

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