Friday 14 November 2014

//// बाल दिवस के उपलक्ष में ////

आजकल तो राजनीतिक पार्टियों के अंदर का बच्चा भी जाग गया है - सबको दूसरे का ही खिलौना चाहिए ....
एक कहता है मेरे पास तो खिलौने हैं ही नहीं - मुझे उसका गांधी, नेहरू, पटेल, झाड़ू सभी चाहिए ....
दूसरा कहता है तुझे 'पटेल' दे दिया ना उसी से खेल - सारे नहीं दूंगा ....
तीसरा समझदार था बोला ले ले भाई मेरा झाड़ू ले ले - कुछ देर खेल ले - थोड़े समय में पता चल जाएगा कि इस से खेलने में कितना दम-ख़म लगता है - हौसले पस्त होते ही मन भी भर जायेगा - ये तो मेरा ही है मेरा ही रहेगा !!!!

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