Friday 14 November 2014

//// "अब आया ऊंट ऊंट के बाजू में - पहाड़ से बहुत दूर" ////

बहुत दिनों बाद पप्पू कुछ बोला - बोला फेंकू को अंग्रज़ी नहीं आती - फोकट गुस्सा करता रहता है - बड़े बड़े वादे फेंकता है पर करता कुछ नहीं - फेंकू फोटू तो कचरा साफ़ करने की खिंचवाता है पर ज़हर फैलाता है - आदि !!!!
फेंकू ने भी दोस्तों के मार्फ़त जवाब दिया कि पप्पू ने ज़िन्दगी भर फोटू ही तो खिंचवाए थे - कभी दलित के घर कभी लोकल ट्रेन में कभी कागज फाड़ते - आदि !!!!
ये दोनों ऐसी ही बचकानी बातें करते आये हैं - बच्चों जैसे ही लड़ते रहे हैं और एक दूसरे को ऊंट और खुद को पहाड़ बताते रहे हैं .... ये दोनों ही अपरिपक्व और बिगड़ैल हैं - और ये दोनों ही आपस में फ़िज़ूल बातों पर बचकानी मिली जुली कुश्ती करते दिखेंगे !!!!
पर मुद्दे की बात - मुझे लगता है कि ये दोनों वो ऊंट हैं जो पहाड़ रुपी भ्रष्टाचार के मुद्दे से दूर ऐसे भागते रहे हैं जैसे गधे के सर से सींग ....
तो मैं तो यही कहूँगा कि - "अब आया ऊंट ऊंट के बाजू में - पहाड़ से बहुत दूर" ....
और मुझे इंतज़ार है कि ये दोनों ऊंट पहाड़ के नीचे कब आते हैं - और छोटा ऊंट पहले आएगा या बड़ा ऊंट पहले ????

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