Friday 7 November 2014

//// 'राज्याभिषेकित' जीतनराम मांझी के बहाने .... ////

बिहार के मुख्यमंत्री पद पर कुछ ही समय पूर्व नितीश कुमार के आशीर्वाद और मर्ज़ी से 'राज्याभिषेकित' जीतनराम मांझी कह रहे हैं कि उन्हें प्रावधानों और कानून का ज्ञान नहीं था, इसलिए अपने दामाद को ही P.A. रखे हुए थे - अब बात सामने आई है तो लो - अपने दामाद को P.A. के पद से हटा देते हैं !!!!
इसके पहले उनके विस्मयकारी और विवादास्पद अनेक बयान आते रहे हैं मसलन रिश्वत, चूहे, डॉक्टर आदि पर - जो सबको विदित होंगे .... और इसलिए मैं उन बयानों और उनके घटियापन पर और टिप्पणी करना जरूरी नहीं समझता हूँ - क्योंकि वैसे भी जीतनराम मांझी के पक्ष में शायद ही कोई बिरला समझदार अन्यथा बात करेगा !!!!
पर इस बहाने मैं कहना चाहूंगा कि ये एक मौका है कि जब हम सब पार्टी लाइन से ऊपर उठ इस हेतु अपनी सामूहिक आवाज़ उठायें कि - संविधान में कई संशोधन अत्यावश्यक हो गए हैं - मसलन >>>>
>> भविष्य में मांझी या राबड़ी देवी जैसे लोगों की किसी एक विशेष नेता के अहम या सनक या स्वहित या ज़िद में - या राजीव गांधी जैसे विशेष व्यक्ति की भावावेश या सहानुभूति में - कम से कम उच्च पद पर सीधे राज्याभिषेक ना हो सके !!!!
>> भविष्य में तथाकथित आलाकमान की मर्ज़ी अनुसार भी मुख्यमंत्रियों का मनोनयन न हो, जैसा कि अभी-अभी खट्टर जी का या पूर्व मैं चह्वाण जी जैसे अनेकों नेताओं का होता ही आया है !!
>> भविष्य में प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के पद पर चुनाव अनिवार्यतः चुनाव आयोग की ही देख-रेख में चुने हुए सांसदों या विधायकों के द्वारा बंद पेटी में वोट डाल कर ही कुछ विशेष डिज़ाइन और प्रावधान अनुसार ही हों - ताकि सही मायने में सबसे लोकप्रिय व्यक्ति का सदन के नेता के रूप में बिना अनुचित हस्तक्षेप के चयन हो सके !!!!
>> प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री के लिए कुछ न्यूनतम आहृतायें नियत की जाएँ - जैसे कि कम से कम 10 साल सांसद / विधायक रहे हों - कम से कम 5 साल मंत्री रहे हों - कम से कम स्नातक हों - आयु 50 से अधिक और 70 से कम हो - आदि इत्यादि !!!!
>> ऐसे पुख्ता कानूनन प्रावधान एवं उपाय हों कि केवल अच्छे और योग्य व्यक्ति ही विधायक या सांसद बन सके - हर कोई भी ऐरा गैरा नत्थू खैरा या आपराधिक व्यक्ति नहीं !!!!
ये गहन विषय है और इस पर बहुत मंथन और कार्य करने की आवश्यकता है !!!!
मेरा मत है कि सरकार का प्रथम कार्य पुराने बेकार कानूनों को हटा बदले नए परिवेश में सतत नए उपयोगी कानून बनाने का है !!!!
मोदी सरकार के पास पूर्ण बहुमत है - इसलिए मेरी इस सरकार से अपेक्षा है कि वो स्वयं स्वच्छता अभियान के तहत झाड़ू लगाने के बजाय अपने मूल दायित्व का कार्य प्रथम प्राथमिकता पर करे - झाड़ू तो अन्य कई या सभी लोग आप से बेहतर लगा सकते हैं - पर कानून तो हर कोई नहीं बना सकता ना !!!!

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