जब भाजपा सत्ता में नहीं थी तब भाजपा एवं संघ परिवार से जुड़े लोग कई वर्षों से लगातार
छाती पीट पीट कर और कभी फुला कर और कभी चौड़ी कर और कभी नाप बता कर बोलते आये थे - धारा-370
हटनी चाहिए - धारा-370 हटाओ - धारा-370 हटाना पड़ेगी - जब हम सत्ता में आएंगे तब धारा-370
हटा देंगे .... आदि इत्यादि !!!!
पर अब जब भाजपा सौभाग्य / दुर्भाग्य से केंद्र में सत्ता में आ गयी है तब भाजपा के
सुर तेवर और भाषा बदल गयी है - जम्मू कश्मीर से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़
रहीं प्रत्याशी हिना भट्ट ने तो यहाँ तक कह दिया कि यदि धारा-370 हटाई गयी तो वो बन्दूक
उठा लेंगी - और फिर मोदी सरकार में मंत्री एवं पूर्व सेनाध्यक्ष वी.के. सिंह ने कह
दिया कि भाजपा ने तो धारा-370 हटाने या उसमें संशोधन की बात कभी कही ही नहीं !!!!
मैं ऐसे दोगलेपन को धिक्कारता हूँ .... कल से आप कह देंगे कि - राम मंदिर बनाने की बात हमने कही ही नहीं - यूनिफाइड सिविल कोड की भी बात कहाँ की थी - हमने तो बस भारत को कांग्रेस मुक्त करने की बात कही थी और हम जी जान से लगे तो हैं - इस बार कश्मीर से एन-केन-प्रकारेण कांग्रेस का सफाया कर देंगे - बस !!!!
यदि आपकी छाती 56" की है तो पारदर्शिता के साथ इस मुद्दे पर साफगोई से अपनी बात देश के समक्ष रखें - धारा-370 हटानी है हटाएं नहीं हटानी है तो बता दें - और यदि साफगोई से कुछ कहने में अड़चन हो या कोई समस्या हो या डर लगता हो तो कम कम से चुप तो रहें .... क्यों अपनी जगहंसाई करवाने पर तुले हैं - ये संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दा है - क्यों नाहक विधानसभा की 2-4 सीट जीतने के स्वार्थ में देशवासियों के बीच भ्रम फैला रहे हैं - और अटल आडवाणी द्वारा स्थापित साख की वाट लगा रहे हैं ????
मैं ऐसे दोगलेपन को धिक्कारता हूँ .... कल से आप कह देंगे कि - राम मंदिर बनाने की बात हमने कही ही नहीं - यूनिफाइड सिविल कोड की भी बात कहाँ की थी - हमने तो बस भारत को कांग्रेस मुक्त करने की बात कही थी और हम जी जान से लगे तो हैं - इस बार कश्मीर से एन-केन-प्रकारेण कांग्रेस का सफाया कर देंगे - बस !!!!
यदि आपकी छाती 56" की है तो पारदर्शिता के साथ इस मुद्दे पर साफगोई से अपनी बात देश के समक्ष रखें - धारा-370 हटानी है हटाएं नहीं हटानी है तो बता दें - और यदि साफगोई से कुछ कहने में अड़चन हो या कोई समस्या हो या डर लगता हो तो कम कम से चुप तो रहें .... क्यों अपनी जगहंसाई करवाने पर तुले हैं - ये संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दा है - क्यों नाहक विधानसभा की 2-4 सीट जीतने के स्वार्थ में देशवासियों के बीच भ्रम फैला रहे हैं - और अटल आडवाणी द्वारा स्थापित साख की वाट लगा रहे हैं ????
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