Thursday 6 November 2014

//// 344 चुने हुए सांसदों में रक्षामंत्री हेतु कार्यकुशल ईमानदार सांसद नहीं - ये शर्मनाक है ////

सूत्रों के द्वारा मीडिया में प्रसारित अपुष्ट समाचार को पुष्ट रूप से प्रसारित करते हुए ये बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री के कार्यकुशल और ईमानदार होने की आवश्यकता के मद्देनज़र गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन पर्रिकर (विधायक) को रक्षा मंत्री बनाया जाने वाला है ....
सर्वप्रथम यदि ऐसा है तो मैं इस देश को बधाई देता हूँ - क्योंकि मेरे अनुसार पर्रिकर जी एक पढ़े लिखे, समझदार, सादगी के हिमायती, सक्षम, कार्यकुशल, ईमानदार नेता हैं .... और इसलिए मैं सोचता हूँ कि वाकई ये एक स्वागत योग्य अति उत्तम कदम लिया जाने वाला है !!!!
पर फिर भी उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में मेरे दिमाग में कुछ प्रश्न उठ रहे हैं जो निम्नानुसार हैं >>>>
>> क्या 344 चुने हुए सांसदों में और कोई कार्यकुशल ईमानदार सांसद नहीं था - जो एक विधायक को केंद्र में मंत्री बनाने की नौबत आन पड़ी है ? अगर ये सच है तो विचारना होगा कि पार्टी ने कैसे कैसे अयोग्य लोगों को टिकट दे दिया था और हमने कैसे कैसे लोगों को जिताया, या कोई उपयुक्त विकल्प के ना रहते हुए जिताने के लिए मजबूर हुए ????
>> क्या सांसद का चुनाव तक हारे नकारे अरुण जेटली कार्यकुशल और ईमानदार थे ?? अथवा क्या नहीं थे ????
>> मोहन पर्रिकर नरेंद्र मोदी से बेहतर एवं उपयुक्त प्रधानमंत्री क्यों नहीं सिद्ध होंगे - जबकि पर्रिकर जी संयत समझदार सौम्य नेता हैं जो फांकते भी नहीं हैं ????
>> क्या केवल रक्षा मंत्री का ही ईमानदार होना अति आवश्यक है - बाकी मंत्री थोड़े बहुत चालू टाइप या चलताऊ भी चलेंगे ?? जैसे कि परिवहन मंत्री या शिक्षा मंत्री कैसे भी हों चलेगा ????
>> क्या सांसद का चुनाव हारे नकारे व्यक्ति को भी मंत्री बनाना उपयुक्त ठहराया जा सकता है ????
कृपया भक्तों को चिल्लपों करने दीजिये - पर आप प्रश्नों पर विवेचना के रूप में गंभीरता से विचार जरूर करियेगा - शायद आप भी जनहित में कई प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित हों !!!! धन्यवाद !!!!

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