Friday 7 November 2014

//// स्वयं कचरा फैला साफ़ कर दिया - क्या कालाधन भी उत्सर्जित कर साफ़ कर देंगे ? ////

शर्मनाक ! स्वच्छता अभियान का क्या गन्दगी भरा क्रियान्वयन सामने आया है !!!!
कई महीनों से राजनैतिक पैंतरेबाज़ी कर शानपत अंदाज़ में बयानात दे अपने आप को तुर्रमखां पेश करने वाले दंभ में चकनाचूर दिल्ली पर थोपे गए दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय जी इतने बेवक़ूफ़ निरूपित होंगे इसका मुझे तो अनुमान था - और हुआ भी वैसा ही ....
स्वच्छता अभियान के तहत चलन और फैशन में आये फूहड़ फोटोशूट के क्रियान्वयन हेतुसतीश उपाध्याय जी नियत स्थान पर फोटू खिंचवाने पहुँच गए और लगे एक नए झाड़ू और उस कचरे के साथ फोटू खिंचवाने जो स्वच्छ कचरा माननीय के प्रायोजना हेतु कुछ समय पहले ही साफ़ सुथरी नयी अस्थायी कर्मस्थली पर फैलाया गया था - और अंततः इस नायाब तरह से झाड़ू लगा एक बेवकूफ ने एक अच्छे अभियान पर कुछ पानी सा झाड़ू फेर दिया !!!!
खैर जो हुआ सो हुआ - मेरी आगे चिंता अब दूसरी बात पर आ टिकी है ....
कहीं कालेधन मामले में भी तो ऐसी ही कार्ययोजना नहीं है कि ये महा धुरंधरी लोग, जैसे पहले स्वयं कचरा फैलाकर तुरंत बाद उसे साफ़ करते हैं, उसी तरह पहले स्वयं कालेधन का भरपूर उत्सर्जन कर तुरंत बाद में पूरा कालाधन ही साफ़ तो नहीं कर देंगे !@#$%?
और हम धूल भरी गली के नुक्कड़ पर कचरे के ढेर पर खड़े विलाप कर रहे होंगे >>
> स्वप्न झड़े फूल से - मीत चुभे शूल से !!
> लुट गए सिंगार सभी - भाग के बबूल से !!
> और हम खड़े खड़े - बहार देखते रहे !!
> कारवां गुज़र गया - गुबार देखते रहे !! कारवां गुज़र गया - गुबार देखते रहे !!!!

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