Saturday 1 November 2014

//// गांधी पटेल के बिना अधूरे - तो मोदी अमित शाह के बिना अधूरे ? ////

अब मोदी जी ने कह डाला है कि....
"रामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानंद के बिना अधूरे लगते हैं" और ....
"महात्मा गांधी सरदार पटेल के बिना अधूरे लगते हैं" !!!!
इस बकवास पर मेरी बेबाक विवेचना ....
यदि मैं कहूँ कि ....
अमित शाह के बिना नरेंद्र मोदी अधूरे लगते हैं ....
योगी आदित्यनाथ के बिना अमित शाह अधूरे लगते हैं .... तो ?
तो भक्त लोग मुझे गालियां देंगे - कहेंगे की अबे बुड्ढे दुआ तू कौन ? तू है क्या ? दिमाग का इलाज करा ? तू होता कौन है मोदी को अधूरे पूरे होने का सर्टिफिकेट देने वाला ? अपनी औकात में रहना .... आदि !!!!
तो फिर पहले मैं भी एडवांस में हिसाब चुकता कर दूँ - कि मोदी कौन होते हैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अन्य महापुरुषों के बारे में सर्टिफिकेट देने वाले - मोदी तो इनमे से किसी के भी नख के बराबर भी नहीं ....
तो भक्तों से हिसाब बराबर करने के बाद मैं मोदी जी से ही मुखातिब होता हूँ ....
मोदी जी कृपया यह तथ्य ग्राह्य कर लेवें कि ना तो महात्मा गांधी ना ही सरदार पटेल ना ही रामकृष्ण परमहंस और ना ही स्वामी विवेकानंद अधूरे थे .... ये सब महापुरुष तो अपने आप में पूर्ण थे ....
// मोदी जी अधूरे तो आप स्वयं हैं और आपके वादे // ....
इसलिए बेहतर होगा कि भगवान के लिए लफ़्फ़ाज़ी अब छोड़ देवें और काम से लगें - पहले आप जनता से किये गए वादों पर कुछ तो अमल करना शुरू करें - और अधूरे तो क्या इन महापुरषों के 1/100 के बराबर भी पहुँच जाए तो फिर कोई टिप्पणी करने के बारे में सोचें !!!!
और विशेष ध्यान देवें कि कम से कम अपने राजनीतिक स्वार्थ के रहते सरदार पटेल के नाम का दुरपयोग करते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किसी भी दृष्टि से तनिक भी कमतर निरूपित करने का प्रयास कदापि नहीं करें - उन्हें "अधूरे" निरूपित करने की ज़ुर्रत तो कदापि नहीं !!!!

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