Wednesday 5 November 2014

//// मोदी जी से अजब-गज़ब प्रेरणा प्राप्त कर मैं भी कुछ "मोदीटाइप" कहना चाहता हूँ - झेलें ////

टीवी रेडियो पर धड़ल्ले से चल रहे एक सरकारी विज्ञापन में मोदी जी बोलते हैं ....
"अगर एक बार सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं गंदगी नहीं करुंगा, तो दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो हिंदुस्तान को गंदा कर सके" >>>>
जब से मोदी जी ने कालेधन पर अपनी मन की बात कही है मुझे मोदी जी की बातों से बहुत प्रेरणा प्राप्त हो रही है .... इसलिए मुझे लगा कि बेचारे मोदी जी ही अकेले सब कुछ बोलते रहेंगे कि कोई और भी उनका साथ देगा ? और जब मैंने देखा कि भक्त तो केवल उनको सुनते हैं बोलते कुछ नहीं तो मैंने सोचा कि मैं ही मोदी जी की बात को आगे बढ़ाऊं ....
तो लीजिये "मोदीटाइप" सूत्र मेरी जुबानी >>>>
>> "अगर एक बार सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं धर्म और राजनीति का घालमेल नहीं करूंगा तो दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो भारत को साम्प्रदायिकता की आग में झोंक सके"
>> "अगर एक बार सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं "ना घूस खाऊंगा ना खाने दूंगा" तो दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो भारत को भ्रष्टाचार मुक्त होने से रोक सके"
>> "अगर एक बार सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं नशा नहीं करूंगा तो दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो हिंदुस्तान को विश्व का पहला नशामुक्त देश बनने से रोक सके"
>> "अगर एक बार सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं खुश रहूंगा और सबको खुश रखूंगा तो दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो भारत को खुशहाल बनने से रोक सके"
आदि इत्यादि ....
पर फिर सोचता हूँ कि जब ये सब होना इतना आसान है तो सवा सौ करोड़ देशवासियों के भेजे में इतनी सरल सी बात क्यों नहीं घुसती - वो भी जब स्वयं युगपुरुष मोदी जी विज्ञापनों के ज़रिये ऐसी सारगर्भित बात चिल्ला चिल्ला कर बारम्बार बोल रहे हैं ????
छिः! लानत है हम सवा सौ करोड़ देशवासियों पर !! है ना ?? होनी चाहिए ना ??
या फिर आप कुछ और सोचते हैं ????????????
और हाँ यदि आप सोचते भी हैं तो ये भी बताइयेगा कि आखिरकार वो दुनिया की कौन सी ताकते हैं जो भारत में गन्दगी फ़ैलाने की सोच रहीं हैं - मसलन है कोई गंदा टुच्चा जो अपने देश में मूंगफली खाकर छिलके हिंदुस्तान में फेंकने की योजना बना रहा हो ????????

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