Sunday 9 November 2014

//// भक्त समझदार - और मोदीमंत्र उपयोगी !? ////

आपको याद होगा मोदी जी ने सबको मंत्र समझाया था कि .... "ना गंदगी करूंगा ना गंदगी करने दूंगा" ....
पर सतीश उपाध्याय ठहरे गंदे आदमी सो आदत से मजबूर उन्हें गंदगी तो करनी ही थी - पर मोदी जी का प्रभाव भी देखिये - उन्होंने मोदीमंत्र का आंशिक अनुसरण करते हुए दिल्ली के इस्लामिक सेंटर में क्या किया ....
// "खुद गंदगी करूंगा और खुद ही साफ़ करूंगा" !! //
चलो यहाँ तक भी ठीक था - पर फिर मुझे चिंता इस बात की लगी कि मोदी जी ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध भी एक ऐसा ही मंत्र दिया था .... "ना खाऊंगा ना खाने दूंगा" ....
और मुझे डर लगने लगा कि इस मंत्र का हश्र भी आंशिक अनुसरण तक सीमित हो आदत से मजबूर ऐसा ना हो जाये कि ....
// "खुद तो खाऊंगा पर किसी और को नहीं खाने दूंगा" !! //
पर यकीन मानिए मेरी सारी उलझन एक भक्त ने खत्म कर दी - जी हाँ एक भक्त ने ....
भक्त ने मुझे समझाया कि यदि ऐसा भी हुआ कि ""खुद तो खाऊंगा पर किसी और को नहीं खाने दूंगा" तो भी यह देश भ्रष्टाचार मुक्त हो जाएगा - क्योंकि यदि कोई किसी को नहीं खाने देगा तो भी कोई नहीं खा पायेगा !!!!
तो मित्रों आप भी सीख लेवें कि - भक्त भी समझदारी की बात कर सकते हैं - और मोदी जी की बात भी अंततः उपयोगी हो सकती है !!!!
बस आप सावधान रहिये और किसी को खाने ना दीजियेगा !!!! धन्यवाद !!!!

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