Wednesday 17 December 2014

//// "घर वापसी" पर रोक .... कुछ उल्टा-पुल्टा .... और कुछ उधेड़बुन .... ////

मोदी जी द्वारा सत्ता में आने के पूर्व जो सेकुलरिज्म विकास और "सबका साथ" आदि की शानदार बातें कई बार कही गयीं थीं - उससे स्वाभाविक रूप से कई लोगों को लग रहा था कि मोदी जी के सरकार में आने के बाद कुछ शानदार होता दिखेगा .... जैसे "सबका साथ और सबका विकास" और इस "सबका" में हिन्दू मुस्लिम दोनों शामिल होना अपेक्षित था !!!! 
और इसके विपरीत उत्तरप्रदेश की अखिलेश सरकार से तो कम से कम किसी को कुछ अच्छे की कत्तई आशा नहीं थी .... ऐसा मेरा आंकलन है और शायद चुनाव के नतीजे भी इसी ओर इंगित करते हैं !!!!
पर आज जब उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा समाज में वैमनस्य फैलाने के इरादे से "घर वापसी" के नाम से धर्मपरिवर्तन या धर्मांतरण के कार्यक्रम पर रोक लगाई गई तो मुझे लगा - जिस से उम्मीद थी कुछ अच्छे की उसने तो बकवास पटक दी और जिस से कुछ भी अच्छे की उम्मीद नहीं थी उसने कुछ अच्छा कर दिखाया .... यानि बिलकुल उल्टा - पुल्टा !!!!
और इसलिए अपनी ज़िन्दगी में मैं पहली बार समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार को बधाई देता हूँ - और भविष्य के लिए समाजवादी पार्टी को भी साम्प्रदायिकता से परिपूर्ण हरकतों से बाज आते हुए ऐसे ही सेकुलरिज्म के पक्ष में और भाई चारे को बढ़ावा देने का कार्य करने की नसीहत भी देता हूँ - भले ही अगला चुनाव जीते या हारे और सत्ता में रहे या ना रहे .... ना ही रहे तो बेहतर - पर फिर विकल्प क्या है ????
कांग्रेस ? ना ना !!!! ..... बसपा ? हा ! हा ! मज़ाक की हद होती है !!!! ....
तो क्या भाजपा ?? छिः ! बकवास की भी तो हद होती है कि नहीं ?? ....
तो फिर ????
चलो अब ठीक है - हाल फिलहाल समजवादी ही ठीक है !!!!

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