Tuesday 9 December 2014

//// सत्ता धर्म और स्वार्थ की राजनीति को धिक्कार - आइये हम ही जश्न मनाएं ////

आपको याद होगा कि कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई ने शांति का नोबेल पुरूस्कार की उद्घोषणा के समय ये इच्छा ज़ाहिर करी थी कि पुरस्कार समारोह में दोनों देशों के प्रधानमंत्री भी शिरकत कर समारोह की शोभा बढ़ाएं !!!!
ये समारोह कल होने जा रहा है - और दोनों ही प्रधानमंत्री इसमें शिरकत नहीं कर रहे हैं ....
शायद दोनों नेताओं की संकीर्ण राजनीति को ये रास नहीं आता ....
क्या है - मैं मैं मैं और मैं करते करते इन नेताओं की मानसिकता भी इतनी संकीर्ण हो चुकी होती है कि ये अपने अहम् अपने स्वार्थ से बाहर नहीं निकल पाते .... बेचारे !!!!
खैर फिलहाल हम इन्हें भूल जाएँ तो ही बेहतर ....
आइये इस ख़ुशी के मौके पर हम जश्न मनाएं और गर्व करें कि .....
एक भारतीय - एक पाकिस्तानी .... एक हिन्दू - एक मुस्लिम ....पर दोनों शांति के दूत .... वाह क्या बात है - बधाई !!!!
कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई ज़िंदाबाद !!!!

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