Monday 29 December 2014

//// दइया रे दइया !! कलाई टूट गयी .... या खुल गयी ?? ////

कल झारखण्ड के नए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शपथ ले ली ....
समारोह भव्य था .... इस समारोह में व्यस्तता से परे हमारे प्रधानमंत्री को भी शिरकत करनी थी .... पर हाय !! ये मौसम और मजबूरी !!!!
ये मौसम शायद ठण्ड में कांपते सिकुड़ते रोते बिलखते सिसकते नंगे भूखे मरते बेघर गरीबों पर इतना कहर न बरपाया होगा जितना मोदी जी और रघुवर दास पर .... बेचारे !!!!
समारोह निश्चित ही उस दिल्ली के शपथ समारोह से भी ज्यादा भव्य और खर्चीला रहा होगा जिसमें अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की शपथ एक खुले मैदान में लेने की ज़ुर्रत करी थी और इन्ही भक्तों ने उनकी घोर निंदा करी थी और खर्चे का हिसाब माँगा था जो अब दांत निपोर कर हँसते नज़र आ रहे हैं - मंदबुद्धि की तरह तालियां बजाते !!!!
पर इसके इतर भी एक और घटना ध्यानकर्षण के योग्य हो गयी .... इतने खर्चीली आयोजन के बावजूद - और इसके बावजूद कि अभी महानायक मोदी जी तो आयोजन में पहुँच ही नहीं पाये थे - फिर भी समारोह में भगदड़ मच गयी ....
और जनाब भगदड़ भी कैसी कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहन के हाथ की कलाई तक टूट गयी ....
मुझे लगता है कि कलाई टूटने के अलावा - कलाई खुल भी गयी है - बल्कि कलाई माह दर माह खुलती ही तो रही है .... है ना !!!!

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