Wednesday 24 December 2014

//// धर्मनिरपेक्षता और राजधर्म का पालन करने वाले व्यक्तित्व को सर्वोच्च सम्मान .... ////

सर्वप्रथम हमारे मध्यप्रदेश के मालवा से होने के नाते "मालवीय" कहलाने वाले "महामना" - विद्वान शिक्षाविद - स्वतंत्रता संग्राम सेनानी - जात-पात विरोधी - बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के संस्थापक - स्काउटिंग के प्रणेता - "सत्यमेव जयते" को जन-जन तक पहुंचाने वाले - आदि अनेक विधाओं के धनी - पर जो १९४६ में आज़ादी के पूर्व ही स्वर्गवासी हो गए - ऐसे महान व्यक्तित्व के प्रति इस आज़ाद राष्ट्र की कृतिज्ञता का स्वागत !!!!
साथ ही जननायक माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को भी "भारत रत्न" देने के लिए स्वागत और बधाई !!!!
यह इस बात का द्योतक है कि ....
इस देश में धर्मनिरपेक्ष और राजधर्म निभाने वालों को हमेशा आदर सम्मान और प्यार मिलेगा ....
पर शायद सांप्रदायिक सोच रखने वालों और राजधर्म को भूल जाने वालों को आदर और प्यार तो दूर शायद कभी सम्मान तक नसीब नहीं होगा .... !!!!
इसलिए यह मौका गौरव करने प्रसन्न होने के साथ साथ कुछ विचार करने और आत्मविश्लेषण करने का भी है !!!!

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