Monday 29 December 2014

//// नंगाइयत और धर्मान्धता के बीच लड़ाई - शायद इंसानियत का भला हो जाए ////

आपको याद होगा कि सर्वप्रथम नंगे आमिर का 'pk' फिल्म का पोस्टर आया था - बेहूदा और शर्मनाक - पूरा नंगा - पिछवाड़ा परवरदिगार के रहमों करम पर छोड़ अपनी पुण्य आत्मा को ट्रांजिस्टर से ढके हुए !!!!
मुझ जैसे लोगों को आपत्ति हुई और कुछ विरोध भी हुआ - पर धर्म के ठेकेदार चुप ही रहे - जैसे कि इस मसले का धर्म से तो कोई लेना देना था ही नहीं .... मुसलमान और हिन्दू भी चुप रहे और फिल्म जगत के लोग भी .... और सरकार भी !!!!
अब फिल्म लगी - लोगों को पसंद आई और देखते देखते हिट हो गयी - और करोड़ों कमा गयी ....
पर फिर देखते ही देखते धार्मिक ठेकेदारों द्वारा इसका विरोध शुरू हो गया - और अब शंकराचार्य और बाबा रामदेव के विरोध के बाद इसके विरुद्ध उग्र प्रदर्शन भी शुरू हो गए .... यहाँ तक कि इस्लाम के ठेकेदारों ने भी इसका विरोध कर दिया है ....
और बस कहा यही गया है कि - इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है !!!! समझे क्या ????
'pk' पिक्चर के पोस्टर में आमिर को नंगा बताया था .... पर अब टेका लगाया जा रहा है कि जनाब वो तो एलियन था जो धरती पर आ टपका था इसलिए वो तो नंगा ही होगा ना - और इस तरह दलील दी गयी है कि क्या रियलिटी बताई है पिक्चर में !! बस गनीमत है कि इन्होने अपनी पैदाइश की सारी रियलिटी भी नहीं बता मारी !!!!
और अब जब कुछ वस्त्रधारी धार्मिक ठेकेदारों ने नंगाइयत को भुला या अनदेखा कर इसका विरोध इस बात को लेकर किया है कि इससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मुझे अहसास हुआ कि एलियन ही क्यूँ - कपडे के नीचे तो सब नंगे ही हैं .... बस औकात पर आने की देर भर है !!!!
भक्त भी कहाँ पीछे रहने वाले थे - दाग दिए दर्जनों प्रश्न - जैसे कि - "यदि अमरनाथ जाने से धर्म नहीं होता तो मक्का मदीने जाने से कैसे हो सकता है - फिर मक्का मदीने जाने का विरोध क्यूँ नहीं ?? पर जब यही प्रश्न भक्त से पूछोगे कि जब आप मक्का मदीने जाने को धार्मिक नहीं माने तो अब अमरनाथ जाने को धार्मिक क्यों मानते हो ?? तो क्या आप को लगता है जवाब मिलेगा ????
जवाब नहीं मिलेगा - इसलिए नहीं मिलेगा क्यूंकि इन सब बातों का जवाब इनके पास है ही नहीं - इन सबके पास मानवता विरोधी प्रश्नो के जवाब हो ही नहीं सकते - ये तो धंधेबाज़ लोग हैं - नंगे हुए करोड़ों कमाए और निकल लिए पतली गली से - और धर्मांध आ गए सड़क पर .... एक बार फिर धरम की रोटियां सेकने और उससे अकूत संपत्ति बनाने के लिए - जैसे रामदेव !!!!
मित्रों मैं आज बहुत खुश हूँ .... क्योंकि मुझे लगता है कि अब ये लड़ाई नंगाइयत और धर्मान्धता के बीच हो गयी है - और मेरी हार्दिक इच्छा है कि ये लड़ाई और उग्र हो और खूब लम्बी चले और दोनों ही इसमें मार खा-खा कर घायल हो लस्त-पस्त हों !!!!
इसलिए कृपया सावधान रहते इनको लड़ने दीजिये !!!! मर मिटने दीजिये !!!!
शायद इंसानियत का भला हो जाए !!!! शायद ....

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