Monday 8 December 2014

//// गीता को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने की माँग - मेरी प्रतिक्रियात्मक माँग ////

भाजपा की वरिष्ठ नेत्री एवं मंत्री सुश्री सुषमा स्वराज द्वारा 'गीता' को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की माँग की गयी है ....
मेरी प्रतिक्रियात्मक माँग >>>> 
> सुश्री सुषमा स्वराज तुरंत यह भी सुस्पष्ट करें कि ये माँग उनकी व्यक्तिगत माँग है या फिर उनकी पार्टी की या फिर उनकी सरकार की ?
> और लगे हाथ सुश्री सुषमा स्वराज तुरंत यह भी घोषणा करें कि क्या स्वयं उन्होंने 'गीता' पढ़ी है अथवा नहीं ? और यदि पढ़ी है तो क्या वे 'गीता' के ज्ञान का अनुसरण करती हैं अथवा नहीं ?
> और क्या सुश्री सुषमा स्वराज ने स्वयं अन्य धार्मिक ग्रंथ भी पढ़े हैं अथवा नहीं ? और यदि पढ़ें हैं तो क्या उन्हें 'गीता' ही सबसे उत्तम लगी ????????
> भाजपा भी यह घोषणा करे कि ये माँग उनकी पार्टी की अधिकृत मांग है या नहीं ? और पार्टी इस मांग का समर्थन करती है अथवा नहीं ?
> मोदी जी भी यह घोषणा करें कि उनकी सरकार इस मांग का किसी भी रूप में समर्थन करती है अथवा नहीं ?
मित्रों मुझे पूरा भरोसा है कि - ना तो सुश्री सुषमा स्वराज की माँग पूर्ण होगी और ना ही मेरी माँग पूर्ण होगी - क्योंकि सुषमा जी की मांग है अव्यवहारिक एवं निरर्थक और मेरी मांग है एक आम आदमी की ....
और मेरा इस पोस्ट को लिखने का आशय भी कोई अपनी मांग मनवाना नहीं है अपितु यह दर्शाना है कि कई बार मूर्खतापूर्ण प्रश्नों के मूर्खतापूर्ण उत्तर देना ही श्रेयस्कर होता है - अतः स्वाभाविक रूप से मेरे इस पोस्ट पर कुछ रामज़ादे भक्त अवश्य ही गालियां देंगे - इसलिए मेरा उनसे अग्रिम अनुरोध है कि वे गाली के साथ-साथ ये भी घोषणा कर देवें कि गाली किस-किस साहित्य से या किस संस्कृति से उद्घृत की गयी है - क्या है ढूंढने में आसानी हो जाती है - और ज्ञानवर्धन होता है !!!! धन्यवाद !!!!

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