Friday 5 December 2014

//// क्या मोदी जी से भी गलती तो नहीं हुई ?? या हो ही गयी !! ////

राम शंकर कठेरिया - सांसद आगरा - मोदी सरकार में मानव संसाधन राज्यमंत्री ....
जी हाँ ! यही वो शख्सियत हैं जिनके ऊपर पूर्व में ही 20 प्रकरण चल रहे थे और उनसे संबंधित एक और विवाद भी उठा था जिसके अनुसार उन्होंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री में हेराफेरी करके ही आगरा यूनिवर्सिटी में नौकरी हासिल करी थी और इस संबंधित प्रकरण भी न्यायाधीन है ....
पर इन सब तथ्यों के बावजूद श्रीमान जी को मोदी जी ने मंत्री पद दिया था और बावजूद विरोध के उन्हें मंत्रिमंडल में बनाए रखा है ....
पर अब एक और नया नायाब ताज़ा अनूठा आरोप भी लग गया है कि श्रीमान मंत्री महोदय अभी तक भी यूनिवर्सिटी से लगभग रु. 1,14,000/- प्रति माह वेतन प्राप्त करते रहे हैं - और बात सार्वजनिक होने के बाद शायद इसकी पुष्टि भी यह कहते हुए कर दी गयी है कि - " गलती से ऐसा हो गया है " !!!!
अब मंत्री जी और यूनिवर्सिटी ने तो गलती मान ली भाई - और इस देश की परंपरा सी बन गयी दिखती है कि यदि कोई बड़ा ताकतवर आदमी गलती मान लेता है तो उसे और महान माना जाने लगता है - भक्त टाइप के तुच्छ लोग ऐसा ही कहने लगते हैं कि देखो इतने बड़े आदमी ने गलती मान ली कितनी बड़ी बात है - पर यदि गलती करने वाला छोटा गरीब आम आदमी गलती मान ले तो कहा जाता है कि - देखो बदमाश कहीं का नालायक अब जा के गलती माना - इसको तो ऐसा सबक सिखाओ मारो कूटो कि अगली बार ऐसी गलती करने की सोच भी ना सके .... और गरीब को प्रायः निपटा ही दिया जाता है ....
पर यकीन माने इस प्रकरण में मंत्री जी निपटने वाले नहीं हैं - यदि कोई निपटेगा तो हो सकता है यूनिवर्सिटी के कुछ एक कर्मचारी या अधिकारी - और इस तरह कुछ निपटेगा तो बस ये प्रकरण ....
और अंततः ये यक्ष प्रश्न विद्यमान ही रह जाएंगे कि >>>>
> क्या मोदी जी, जो अच्छे दिन लाने और तमाम लुभावनी लुब्बेलुबाब बातें करते हुए सत्तासीन हुए थे, उनसे भी गलती नहीं हुई ?
> क्या कठेरिया जी इस मोदी मंत्रिमंडल के लिए अपरिहार्य हैं ? और यदि हाँ तो क्यों ?
> क्या किसी भी यूनिवर्सिटी के किसी भी एक प्रोफेसर को बिना पढ़ाये या अपने कर्तव्य स्थल से अनुपस्थित रहते या अपने कर्तव्य निष्पादन किये बगैर गलती से भी वेतन प्राप्त हो जाना संभव होना चाहिए ?
> और यदि ऐसा हुआ है तो क्या व्यवस्था में परिवर्तन करना आवश्यक नहीं ?
> और यदि परिवर्तन करना आवश्यक है तो क्या ये परिवर्तन ब्रह्म प्रकाश दुआ करेंगे या अमिताभ बच्चन या जसोदाबेन करेंगी - और मानव संसाधन राज्यमंत्री राम शंकर कठेरिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 24 घंटे दूसरों को कोसते हुए भूतकाल को रोते हुए जनता को सब्जबाग दिखा दिखा के बेवकूफ बनाते रहेंगे ????
कृपया प्रश्नो के उत्तर सोचियेगा और भक्तों से भी पूछियेगा - धन्यवाद !!!!
और हाँ ये मत कहियेगा कि व्यवस्था परिवर्तन शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी से अपेक्षित है !!!!
ना ना - इतना तुच्छ काम और येल ग्रेजुएट - छिः !!!!

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