Friday 19 December 2014

//// मोदी ना बोले ना बोले ना बोले रे .....////

आज फिर राज्यसभा 2.30 बजे तक स्थगित .... मुद्दा वही - विपक्ष मांग कर रहा है कि धर्मांतरण के विषयक जो बकवास सदन के बाहर पटकी गयी है और जो मोदी जी के कथनों से मेल नहीं खाती है उसके लिए प्रधानमंत्री जी स्वयं सदन में उपस्थित हो विषयवस्तु पर बयान दें ....
पर मोदी जी तो बिलकुल छुइ मुई हुए जा रहे हैं .... प्रावधानों की दुहाई दी जा रही है .... कहा जा रहा है कि कोई नियम या प्रावधान सत्ता पक्ष को बाध्य नहीं कर सकते कि प्रधानमंत्री स्वयं ही बोलें और उनके स्थान पर सरकार की तरफ से कोई भी मंत्री जवाब न दे सके .... आदि !!!!
मेरी विवेचना ....
क्या कोई नियम ये कहता है कि सदन में हो हल्ला किया जा सकता है - माराकूटी की जा सकती है - गाली-गलौज की जा सकती है - कागज फाड़े जा सकते हैं - सदन की कार्यवाही को जबरन स्थगित करवाया जा सकता है - नहीं ना !!!! पर फिर क्या भाजपा ने आज तक ऐसा कभी कुछ नहीं किया ?? अरे छोड़िये जनाब - क्यूंकि भाजपा ज्यादातर विपक्ष में ही रही है तो भाजपा द्वारा तो ये सब खूब किया जाता रहा है .... बल्कि यदि थोड़ी अतिश्योक्ति के साथ कहूँ तो भाजपा द्वारा यही किया जाता रहा है .... अरे भाई यही तो विपक्ष के हथकंडे होते हैं .... है ना !!!!
तो अब क्या हो गया ?? अब सारे नियम प्रावधान क्यों याद आ रहे है - अब आज अपनी बारी आई तो मिद्द क्यों निकल रही है - अब उस डायलाग का क्या हुआ कि सदन की कार्यवाही को चलाने का दायित्व सत्तापक्ष का होता है ?? आओ हिम्मत करो - जवाब दे दो - और संसद को चलाने का दायित्व निभा दो !!!!
पर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं - निश्चित ही कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है .... और मोदी की मजबूरी है कि बेचारे अपने बड़बोलेपन और उनके गुंडाइयत से भरे संगी साथियों के कारण फंस गए है .... उन्हें मालूम है कि कुछ भी बोला नहीं और झंझट शुरू ....
तो मित्रों आज मोदी जी की स्थिति का वर्णन मैं लोकप्रिय गाने की पैरोडी से करता हूँ ....
// मोदी ना बोले ना बोले ना बोले रे ....
झंझट के पट ना खोले रे .... मोदी ना बोले ना बोले ना बोले रे //

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