Thursday 4 December 2014

//// घोटाले का पैसा कहाँ गया ?? "ना खाऊंगा ना खाने दूंगा" फेंकमफाँक का क्या हुआ ?? ////

सारदा चिटफंड घोटाला - भाजपा के ज्ञानी अध्यक्ष अमित शाह ने कोलकता में भाजपा की रैली में कहा था - "बर्दवान बम विस्फोट मामले में तृणमूल के कई नेताओं के तार जुड़े हैं - धमाके के आरोपियों को पैसे किसने दिए ? जांच के खुलासे से आपको आश्चर्य होगा - क्योंकि सारदा चिटफंड घोटाले के पैसे का इस्तेमाल धमाके में हुआ" !!!!
लेकिन ये क्या - प्रधानमंत्री कर्यालय में राज्यमंत्री अज्ञानी जीतेन्द्र सिंह ने कल संसद में बयान दे मारा कि - "अब तक की जांच में यह खुलासा नहीं हुआ है कि आतंकी गतिविधियाँ फैलाने में आर्थिक मदद के लिए पैसा बांग्लादेश भेजा गया था - जांच अभी जारी है" !!!!
मेरी विवेचना >>>>
मित्रों मुझे ये नहीं समझ आ रहा है कि क्या हमने गलत प्रधानमंत्री चुना है या प्रधानमंत्री ने गलत गृहमंत्री चुना है - या सही व्यक्ति काम पर लगाया है ??
आप मुझे बताएं कि जांच सारदा चिटफंड घोटाले की हो रही है या नहीं - और यदि हो रही है तो मुद्दा तो केवल ये होना चाहिए कि इस घोटाले का पैसा कहाँ गया ???? .... सारदा ले गया ? घोष ले गया ? दीदी ले गयी ? भैय्या ले गए ? दामाद ले भगा ? विधायक को दे दिया ? सांसद जीम गया ? मंत्री डकार गया ? तृणमूल निपटा गयी या फिर भाजपा ने अपना हिस्सा ले लिया ? बांग्लादेश गया ? युगांडा में घुस गया ? झुमरीतलैया पहुँच गया ? या .....
पर जनाब जान कर आश्चर्य हो रहा है कि जांच तो इस विषयक चल रही है कि "आतंकी गतिविधियाँ फैलाने में आर्थिक मदद के लिए पैसा बांग्लादेश भेजा गया था कि नहीं" - यानि कि ऐसा लगता है कि जांच तो अमित शाह के बयान की हो रही है भाई ????
अब आज कह दिया गया कि अमित शाह झूठे - पर कल को भाजपा का कोई दूसरा सनकी ये आरोप लगा देगा कि ये पैसा तो ब्रह्म प्रकाश दुआ के पास पहुंचा - और हमारे गृहमंत्री जांच करेंगे और यकीन माने क्योंकि मैं पाक साफ़ हूँ वो देश को बताएँगे कि नहीं दुआ जी को एक पैसा भी नहीं मिला - पर फिर तीसरा सनकी यदि ये दावा कर देगा कि पैसे तो पप्पू और उसकी माँ को भी पहुंचे हैं तो हमारे कर्तव्यपरायण गृहमंत्री फिर जांच करेंगे और शायद कह दें कि - कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले - और शायद तब तक इन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का सत्रावसान हो जाए - और सारदा अमर !!!!
भाइयों और बहनों - ये गृहमंत्री जिन्हे लव जेहाद क्या होता है नहीं मालूम - इनके पुत्र के साथ क्या साजिश हो गयी नहीं मालूम - इनसे कोई आशा रखना बेकार ही है -
पर हाँ हमारे मोदी जी ऐसे ही नायाब और नगीनों के साथ सरकार और ज्ञानी शाह जी पार्टी चलाते रहेंगे ऐसा ही अनुमान लगाया जा सकता है - और लगता है कि "ना खाऊंगा ना खाने दूंगा" केवल फेंकमफाँक साबित होगा !!!!
मेरी कथा समाप्त हुई - अब आप ईश्वर से प्रार्थना करें कि इस घोटाले में कहीं आपका नाम लपेटे में न आ जाए !!!! बोलो - नमोः नमोः !!!!

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