Monday 22 December 2014

//// भगवान की मर्ज़ी में रोड़ा अटकाना - और वो भी मेरे खर्चे पर - कैसे उचित ?? ////

आज एक छोटा सा समाचार मुझे बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर गया - उद्वेलित कर गया !!!!
हमारे इंदौर की एक कॉलोनी इन्द्रपुरी के एक मंदिर से बीती रात चोर मंदिर की दान पेटी चोरी कर ले गए - और मामले की रिपोर्ट भंवरकुआं थाने में करी गयी है तथा पुलिस की तफ्तीश तलाश जारी है !!!!
आज के हालातों के परिप्रेक्ष्य में - " मेरे मन की बात " >>>>
मंदिर में भगवान बिराजते हैं - भक्त उनके दर्शन के लिए जाते हैं - श्रद्धा पूर्वक वो भगवन को चढ़ावा चढ़ाते हैं - क्यों चढाते हैं क्या भगवान उन्हें ऐसा करने का कहते हैं ये विषय अलग - पर भक्त चढ़ावा चढ़ाते हैं - सीधे भगवान को - अपने हाथों से - अपनी मर्ज़ी से !!!! ....
तो साफ़ हुआ कि दान पेटी की समस्त रकम भगवान की निजी संपत्ति हुई !!!!
और सब कहते हैं कि भगवान की मर्ज़ी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता .... उन्हें यदि किसी को देना होता है तो बस देना ही होता है - दे ही देते है - अपनी वाली पर आ जायें तो छप्पर भी फाड़ देते हैं - पर दे कर ही रहते हैं - यहां तक कि अपात्र को भी दे देते हैं !!!!
तो जनाब कल रात भगवान ने अपनी चीज़ किसी को दे दी - देना होगी दे दी - उनकी मर्ज़ी ....
तो अब भगवान के काम में किसी को रोड़ा अटका अधर्म की बात क्यूँ करना चाहिए ?? क्या भंवरकुआं पुलिस भगवान की मर्ज़ी से ऊपर हो गयी ?? या भगवान से भी ज़्यादा काबिल ????
लेकिन जनाब शायद आप समझ गए होंगे कि मैं कुतर्क दे रहा हूँ - और तर्क ये है कि - जिसने चोरी करी वह चोर - चोरी करना कानूनन अपराध - और यदि हमें समाज में रहना है तो हर एक प्रकार के चोर पर पुलिसिया और कानूनी कार्यवाही आवश्यक है !!!!
और शायद अब आपको थोड़ा पकाने के बाद मैं ये दम-ख़म और तर्क के साथ कह सकता हूँ कि - आजकल जो धर्म के नाम पर रोटियां सेकीं जा रही हैं - भगवन के नाम पर अनेकों अफवाहें उड़ाई जा रही हैं - उसे महिमामंडित कर अपने उल्लू सीधे किये जा रहे हैं - धर्म के नाम पर लोगों को धमकाया डराया जा रहा है - बहलाया फुसलाया जा रहा है - वो सब गैर कानूनी है - और इसलियर चोरी के समान ही अपराध तुल्य भी !!!!
अतः धर्म के नाम पर हो रही सभी प्रकार की बकवास बंद कर देनी चाहिए और भगवान की अकल्पनीय छवि जो धर्म के धंधेबाज़ों ने बना डाली है उसे भी विखंडित एवं छिन्न भिन्न कर देना चाहिए ....
और यदि मेरी बात गलत हो तो भंवरकुआं पुलिस ने प्रकरण बंद कर भगवान को ही कह देना चाहिए कि तुम तो स्वयं सक्षम हो - अपना काम खुद कर लो !!!!
किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मुझे मजबूर समझ माफ़ करें - क्योंकि मेरी मजबूरी यह है कि मेरे द्वारा एवं अन्य कई गरीबों द्वारा दिया टैक्स फ़िज़ूल के धार्मिक लफड़ों और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है - अतः यदि आपको अपने भगवान और उसकी मर्यादा का ख्याल हो तो उनकी सुरक्षा भी अपने बलबूते और अपने खर्चे पर करें !!!! वर्त्तमान प्रकरण में कम से कम भंवरकुआं पुलिस को प्रकरण की तफ्तीश और तलाश में किये गए वास्तविक खर्चे का भुगतान तो कर ही देवें !!!! धन्यवाद !!!!

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