Wednesday 3 December 2014

//// क्या साध्वी के बयान से राम का मान बढ़ता है या अपमान होता है ? ////

साध्वी ने तो हलकट बयान दे दिया - - रामजादों - हरामजादों वाला ....
विपक्ष ने साध्वी का इस्तीफ़ा मांग लिया ....
और फिर साध्वी ने बयान पर माफ़ी मांग ली ....
और अब सरकार कह रही है कि माफ़ी मांग ली - फिर काहे का इस्तीफ़ा - पगला गए क्या ?
विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ .... अड़ गया इस्तीफे पर .... संसद फिर ठप्प ....
और फिर सरकार की तरफ से वेंकैय्या नायडू संसद में बोले - कि कालांतर में भी तो ऐसे बयान अभिलेख में हैं जैसे कि अटल जी को नीच कहा गया था और मुलायम को आतंकवादी आदि ....
अब ज़रा गौर फरमाएं कि ये साध्वी केवल साध्वी नहीं है - इनमे कई और विशिष्टताएं भी तो है - जैसे ये भाजपा की हैं और विश्व हिन्दू परिषद से जुडी हैं और अति संस्कारी भी हैं - ये सांसद भी हैं और मंत्री भी हैं - इसलिए इनकी बात को हल्के में तो लिया नहीं जा सकता - इसलिए ये तो तय है कि इस देश में रामजादे भी है और हरामज़ादे भी हैं ....
इसलिए अब मेरे सामने कई यक्ष प्रश्न खड़े हो गए हैं >>>>
> वर्तमान में केंद्र सरकार रामज़ादों की है या .....?
> और यदि भारत हिन्दू राष्ट्र है और यहाँ सभी हिन्दू हैं और सभी राम के वंशज हैं तो यहाँ का हर नागरिक रामजादा क्यों नहीं ?
> क्या रामजादा हरामजादा नहीं हो सकता ?
> अब आज की तारीख में भला हरामजादा रामजादा कैसे हो सकता है ?
> क्या साध्वी के बयान से राम का मान बढ़ता है या अपमान होता है ?
> यदि अपमान होता है तो भक्त अब तक चुप क्यों ?
> मोदी सरकार और राम की प्रतिष्ठा में से अधिक महत्त्वपूर्ण क्या ?
अब जब इतने सारे यक्ष प्रश्न सामने हों तो विवेचना भी जरूरी है जो निम्नानुसार है ....
जब से ये सरकार सत्ता में आयी है तब से ही ये सरकार अपनी उपलब्धि की बात न करते हुए, अपने वायदों के बारे में कोई बात ना करते हुए, हमेशा ही पूर्ववर्ती सरकारों के निकम्मेपन को उद्घृत करते सही गलत बयानी कर इधर उधर बचने का शर्मनाक प्रयास करती रही है - और इस बार तो हद हो गयी जब ये कह दिया गया है कि - पूर्व में अन्य लोग भी गालियां दे चुके हैं तो अब हमने दे दी तो क्यूँ चिल्ला रहे हो भाई ? वाह क्या कुतर्क दिया है वेंकैया जी - बस अब तो यही शेष है कि आप भी भ्रष्टाचार करेंगे ही - और कहेंगे कि जब पहले भी सरकारें मंत्री और नेता भ्रष्टाचार करते रहे हैं तो अब हमें ही क्यों रोका टोका जा रहा है ??
अतः मित्रों मेरी विवेचना अनुसार आज ये बात तय हो गयी कि कांग्रेस और भाजपा में कोई अंतर नहीं है - और ये एक ही सिक्के की एक ही साइड है - एक जैसी निर्लज्ज निकम्मी और घटिया - और इनकी करनी कथनी थूकनी चाटनी में कोई अंतर नहीं है ....
अतः सावधान !!!!

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