Wednesday 10 December 2014

//// गडकरी के चटपटे तर्क सही - पर फिर भी किसी काम के नहीं ////

गडकरी जी ने कहा कि - "रेल में दुष्कर्म हो जाए तो क्या पूरे रेलवे पर रोक लगा देंगे ?"
वाह क्या बात है !! मैं प्रसन्न हुआ कि आखिरकार मोदी जी के मंत्री भी तर्क की बात करने लगे ....
और क्योंकि बात तार्किक की गयी है तो इसके पीछे मुझे किसी अमेरिकन की अकल ही ज्यादा चलती दिखती है - क्योंकि उबर कंपनी भी अमेरिकी कंपनी जो ठहरी ....
पर अंततः क्योंकि बात तार्किक है इसलिए इसका विरोध भी नहीं हो सकता !!!! 
पर आज मैं गडकरी जी को उनके द्वारा ही दिए तर्क की कसौटी पर खुल्ली चुनौती देता हूँ - हो उनमें या उनके किसी समर्थक में दम तो प्रतितर्क देवें ....
मैं गडकरी जी से पूछता हूँ कि भगवान ना करे पर थोड़ी देर के लिए मान लीजिये की कोई एक व्यथित गरीब बिहारी मजदूर महाराष्ट्र में बाहरी व्यक्तियों के मुद्दे पर विरोध स्वरुप आप को नागपुर में सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मार देता है तो आप क्या करेंगे ????
क्या आप महाराष्ट्र से सभी बिहारी व्यक्तियों को बाहर कर देंगे ? शायद नहीं - कम से कम आप सार्वजनिक रूप से तो ऐसा ना ही करेंगे या कर पाएंगे ....
तो क्या आप उस व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्यवाही करेंगे ? जी हाँ शायद आप उस व्यक्ति को कानून के हवाले कर उस पर कार्यवाही करने के आदेश देंगे .....
श्रीमान जी तो फिर अपनी डेढ़ अकल थोड़ी और चलाओ ना .... श्रीमान बात उबर कंपनी या ऐसी ही अन्य कंपनियां जो नियमों का उल्लंघन कर रही हों उनके बंद करने की थी / है .... पर लगता है अमेरिका या कोई अन्य दबाव के नीचे आप छटपटा चटपटी तार्किक बातों का सहारा ले रहे हैं !!!!
हाँ एक बात और - कृपया अपने आकाओं से आप भी अपने ही तर्क के बल पर ये प्रश्न अब जरूर करना कि - यदि दो चार मुसलमान लड़के हिन्दू लड़कियों को बरगला उनसे कुछ गलत कर देते हैं तो इसे "लव जिहाद" क्यों बना दिया जाता है ????
गडकरी जी इसलिए आप के मुंह से तार्किक बातें अटपटी ही लगती हैं - इसलिए आप से अपेक्षा है कि जल्द काम से लगें और उबर कंपनी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करें .... इसे जनता के सेवक होने के नाते जनता का आदेश ही समझेंगे तो बेहतर होगा - धन्यवाद !!!!

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