Saturday 27 December 2014

//// राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग - बनाम - सोमनाथ भारती ////

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने विगत महीनों या सालों में शायद ऐसा कुछ नहीं किया जिसकी प्रशंसा हुई हो या उल्लेख ही हुआ हो - और यदि कोई इस आयोग के परिप्रेक्ष्य में भारत में मानवाधिकार के हवाले से कुछ जानने का प्रयास करेगा तो शायद उसको भ्रम हो जाएगा कि भारत एक ऐसा आदर्श देश है जहाँ कभी भी मानवाधिकारों का हनन नहीं हुआ हो ....
पर वस्तुस्थिति ठीक इसके विपरीत है - भारत में कुत्तों के अधिकारों के बारे में तो अन्य जवाबदार संगठन शायद सोचते भी हैं पर शायद मानवाधिकार आयोग मानव के बारे में कुछ ठीक ठीक नहीं सोच पाता ....
और इसका एहसास मुझे अभी एक बार फिर हो गया ....
आपको याद होगा एक मानव का नाम - श्री सोमनाथ भारती .... जी हाँ यकीनन वो हैं तो मानव ही - पर क्योंकि वो अरविन्द केजरीवाल की पार्टी 'आप' से जुड़ कुछ मानवता की बात कर बैठे थे तो कुछ लोग हाथ धो उनके पीछे ही पड़ गए .... और एक खिड़की एक्सटेंशन वाले प्रकरण में उन्हें ऐसा अमानवीय निरूपित करने के लिए भिड़ गए जैसे उन्होंने किसी के मानवाधिकारों का हनन कर मारा हो ....
और जनाब फिर क्या था - राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी कूद पड़ा था इस घिनौने खेल में और शायद दुर्भावना से ग्रसित हो उसने सोमनाथ भारती को कुछ अफ्रीकी महिलाओं के खिलाफ नस्ली भेदभाव और अन्य थोपी गयी गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए दोषी ठहरा मारा था !!!!
पर आज दिल्ली उच्च न्यायलय द्वारा आयोग के आदेश को रद्द करने का निर्णय दे दिया गया !!!!
ये समाचार सम्पूर्ण भारतीय मानव जाति के लिए एक सुखद समाचार है - क्योंकि शायद अब आगे से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को मानव हित की बात सोचने की फुर्सत मिले .... शायद उसका ध्यान इस ओर भी जाए कि कल रात ही दिल्ली में एक गरीब मानव की ठण्ड के कारण मृत्यु हो गयी है - शायद उसको मानव के ही रूप में नारकीय जीवन व्यतीत कर रहे लाखों भाई बहन भी दिखें .... इसलिए आप सभी मानवों को बधाई !!!!
और हाँ सोमनाथ भारती जी को भी समाज में घृणित बुराई के विरुद्ध निर्भीकता और ईमानदारी से लड़ने और मानव दिखने वाले जानवरों से लोहा लेने के लिए साधुवाद !!!!

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