Friday 12 December 2014

//// घर वापसी के फायदे - आज 'रमादीन' से 'राजकुमार ठाकुर' - कल 'रमादीन' से 'राम द्विवेदी' ////

आरएसएस के तत्वाधान या छत्रछाया या देखरेख में या मौखिक स्वीकृति के रहते या मात्र अनापत्ति के रहते आजकल जो समाजसेवी संस्थाएं और उनके समर्पित स्वयं सेवक अपनी जी जान लगा तन मन धन खपा घर वापसी हेतु धर्म परिवर्तन या परावर्तन का स्वार्थरहित महान कार्य कर रहे हैं उसकी निंदा कर रहे बहुतायत में भोले भाले लोगों को मेरी विवेचना समर्पित >>>>
> सर्वप्रथम तो मैं देश के समस्त ठाकुरों का अभिनंदन करना चाहूंगा कि हाल फिलहाल जब आगरा में कई मुसलामानों की घर वापसी करवा कर उन्हें हिन्दू बना ठाकुर बनाने की बात कही गयी है तो मुझे पूरे देश से एक भी ठाकुर या किसी ठकुराई संस्था की तरफ से विरोध में आवाज़ सुनाई नहीं दी - जो द्योतक है कि ठाकुर लोग कितने विशाल ह्रदय और अमन पसंद हैं ....
> इसलिए ही मैं आगे भी देखता हूँ कि मिसाल के तौर पर जैसे अभी कूड़ा करकट बीन अपनी आजीविका चलाने वाले गरीब मुसलमान 'रमादीन' अब 'राजकुमार ठाकुर' बन गए - वैसे ही कल कोई और 'रमादीन' 'राम द्विवेदी' बन जाएगा - और हो सकता है कि किसी मंदिर का पुजारी हो जाय या पंडित बन हिन्दुओं के शुभ कार्य संपादित करवाये - या चाय का ठेला लगाये - या सांसद विधायक बन मंत्री शंत्री भी बन जाए ....
> और कल से मिसाल के तौर पर ये भी हो सकता है कि कोई 'ईश्वर त्रिवेदी' की घर वापसी हो और वो 'इशाक तसव्वुर' बन मौलवी बन जाये या पोल्ट्री फार्म खोल ले या जल्लाद का काम करने लगे या कबाड़े का !!!!
हे ईश्वर ! हे अल्लाह !! काश ऐसा ही हो .... तोड़ देनी चाहिए हमें ऐसी धर्म जाति की दीवारें - और मज़बूत दीवारों के लिए अम्बुजा सीमेंट !!!!
और इसलिए मैं यह भी मांग करता हूँ कि अम्बुजा सीमेंट को 'राष्ट्रीय सीमेंट' घोषित कर देना चाहिए - और टैक्स-फ्री भी !!!! धन्यवाद !!!!

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