राम माधव - पक्के संघी - आजकल भाजपा प्रवक्ता - योग में सने .... सुना है एक गैरराजनीतिक (?) बात उछाल गए .... कल मोदी वाले योग कर्यक्रम में महामहिम उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी योग क्यों नहीं किया ?? बात बहुत मासूम सी और सच्ची सी थी ....
और सुना है उपराष्ट्रपति कार्यालय से भी टका सा मासूम सा सच्चा जवाब आ गया - उपराष्ट्रपति को न्यौता नहीं था !!!!
और राम माधव ने मार दी राजनीतिक पलटी .... ऐसा क्या ?? सॉरी सॉरी - माफ़ करें मुझे पता नहीं था ....
तो बस अब बात ख़त्म हो जानी चाहिए क्योंकि जब कोई भी भाजपाई स्वयं कुछ भी कह-बक देता है तो वो इस ब्रह्माण्ड में अंतिम होता है - जैसे कि ललित-सुषमा-वसुंधरा प्रकरण में भी देखने को मिला .... इसलिए ये बात यहीं समाप्त हो जानी चाहिए ....
और मेरा विश्वास करें ये भाजपा कहेगी कि क्योंकि खुद स्वयं राम माधव ने अपने मुहं से खुद होकर अपनी जुबान हिला अपने खुद के दाँत निपोर माफ़ी मांग ली है तो बस इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए .... खामोश ! शटअप !! .... और कांग्रेस को और अन्य राजनीति करने वालों को तो बात करने का अधिकार ही नहीं है ....
पर जनाब मैं ठहरा शुद्ध राजनीतिक व्यक्ति - मैं हाथ में आया ऐसा स्वर्णिम अवसर हाथ से कैसे जाने दूँ ? और क्यों जाने दूँ ?? .... भाई मैं तो राजनीति करूंगा और डंके की चोट पर करूंगा ....
इसलिए मैं भी गैरराजनीतिक (?) प्रश्न पूछता हूँ >>>>
>> माधव भाई !! ये उपराष्ट्रपति को न्यौता क्यों नहीं दिया ?? बोलो जवाब दो - बोलो बोलो .... कहीं इसलिए तो नहीं कि वो एक मुसलमान हैं ??
>> या फिर इसलिए तो नहीं कि यदि उन्हें बुलाया जाता तो प्रोटोकॉल अनुसार मोदी को कई जगह पीछे रहना पड़ता और फिर पूरे आयोजन पर मोदी योग का ठप्पा ज़रा धूमिल हो जाता ??
>> तुम्हारे द्वारा बुलाए शायद और भी कई नहीं आए होंगे .... तो फिर केवल अंसारी जी के ना आने पर विशेष ध्यान और विशेष बकवास क्यों ??
>> क्या आयोजन में बुलाए गए लोगों की आवक अनिवार्य थी ??
>> क्या भाजपा राजनीति करती है या नहीं ?? या केवल योग - "घृणायोग" ??
>> माधव जी आपमें संघ के संस्कार तो कूट कूट कर भरे हैं ना ??
और अंत में मैं मेरी एक और गैरराजनीतिक टिप्पणी देना चाहूँगा - अभी तक तो मैं भाजपा को बेशर्म पार्टी मान रहा था - पर आज तो बद्तमीज़ी हो गई .... असहनीय !!!!
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