Friday 12 June 2015

//// दिल्ली में अधिकारों और दायित्वों विषयक स्पष्टता नहीं तो दोषी कौन ?..////


दिल्ली में अभी तक तो LG और केजरीवाल के बीच अधिकारों को लेकर जंग हो रही थी .... मामला न्यायालयों में पंहुचा - एवं न्यायालयीन हो खिंच गया लम्बााsssss - अगली तारीख अगस्त में .... तब तक .... लड़ते रहो राजनीति करते रहो ???? .... जिस देश में सलमान को कुछ घंटों में बेल मिल जाती हो उस देश में एक चुनी हुई दिल्ली सरकार के अधिकारों के बहुआयामी महत्वपूर्ण प्रश्न के बारे में न्यायालय का ऐसा रवैय्या या ऐसी व्यवस्था या ऐसे प्रावधान ?? मेरी तो समझ से परे है !!!!  

और अब MCD के कर्मचारियों और उनके वेतन का मसला आ गया है - उलझा भी - उलझाया भी .... और जनता त्रस्त - कर्मचारी त्रस्त - और जिम्मेदार कौन ? कई बोल रहे केजरीवाल - कई बोल रहे मोदी - और कई शाने बोल रहे दोनों ....

यानि एक बात स्थापित होती है कि सारी समस्या की जड़ ये है कि दिल्ली में अधिकारों और दायित्वों के संबंध में स्थापित या लागू व्यवस्थाओं या नियमों में साफगोई नहीं हैं - या सब कुछ जानबूझकर इतना उलझा हुआ सा रखा हुआ है कि जब चाहो नियमों को तोड़ मरोड़ अपने हिसाब से उसकी व्याख्या कर रायता फैलाया जाता रहे और अपने अपने उल्लू सीधे किये जाते रहें !!!!

और मैं मूर्ख मीडिया का भी तिरस्कार कर यह प्रश्न पूछता हूँ कि अपने आपको उच्च दर्जे और उच्च कोटि के मानने वाले तरह-तरह के पढ़े-लिखे पत्रकार और ब्रेकिंग न्यूज़ देने वाले और गजब के खुलासे और स्टिंग करने वाले अभी तक ये पता कर जनता को ये तक नहीं बता पाए हैं कि MCD कर्मचारियों को वेतन देने की जवाबदारी किसकी है ???? लानत है ऐसे अक्षम मीडिया पर !!!!

और उपरोक्त उहापोह की स्थिति या कमियां स्वाभाविकतः आज की नहीं है बल्कि ये तो लाज़मी है कि यही स्थितियां पिछले ६७ साल से ही व्याप्त होंगी - और पिछले १ वर्ष में भी सुलझ नहीं सकी हैं .... बल्कि और उलझ गई हैं - या उलझा दी गई हैं ....

और क्योंकि ६७ साल में जो हुआ उसके लिए केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया जाना मूर्खता ही होगी .... पर यदि कोई मूर्ख महानुभाव सारी समस्या के लिए केजरीवाल को ही जिम्मेदार मानते हैं तो मैं उनसे प्रतिप्रश्न पूछता हूँ कि - फिर "समस्या निपटान" के जिम्मेदार नपुंसक हो क्यों बैठे हैं ???? क्यों नहीं केजरीवाल के विरुद्ध अभी तक कार्यवाही करी ?? क्यों नहीं उन्हें MCD कर्मचारियों का वेतन ना देने का दोषी पाया जाकर उनके विरुद्ध कार्यवाही हुई ?? कौन सो रहा है ?? क्यों सो रहा है ?? कौन राजनीति कर रहा है ?? और कौन मक्कारी ?? और कौन बेशर्मी - और कौन मूर्खता ????

मित्रो !!!! मुझे तो यकीनन सीधे सीधे स्पष्तः यही लगता है कि केजरीवाल के विरूद्ध साज़िश हो रही है - और इसलिए मैं मोदी सरकार को ही सीधे-सीधे दोषी मानता हूँ - और ये अपेक्षा करता हूँ और माँग भी कि केजरीवाल को जनमत का सम्मान करते हुए ५ साल ईमानदारी से बिना किसी विद्वेष के और अड़चन डाले कार्य करने दिया जाए - और जनता को जारी "भलाई की सप्लाई" को कुढ़ू कुंठित हो रोकने का प्रयास ना किया जाए ....

मोदी जी को यदि केजरीवाल से चुनाव हार का बदला लेना ही है तो फिर एक बार आ जाएं मैदान में - दिल्ली से भी ज्यादा तैयारियों के साथ पंजाब में - और कर लें जोर आजमाइश - बस !! सब कुछ साफ़ हो जाएगा .... पर ऐसी खिसियाहट निकालना या सूट फाड़ना तो उपयुक्त नहीं है ना !!!!

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